लखनऊ – किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में ऑनलाइन मरीज भर्ती के नाम पर गड़बड़ी हो रही है। मजे की बात यह है कि मरीज ओपीडी में इलाज करा रहा था और केजीएमयू के ईएनटी विभाग में उसको ऑनलाइन भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इस मामले का खुलासा तब हो पाया, जब मरीज शनिवार को दूसरे विभाग में दिखाने आया। इस मामले में आईटी सेल ने जांच कराने का निर्देश दे दिया है।
बताते है कि ऐशबाग के छह वर्षीय अंबिका को पेट दर्द की शिकायत बनी थी , तो उसके परिजनों ने 28 सितंबर को केजीएमयू के बाल रोग विभाग की ओपीडी में दिखाया। परिजनों का कहना है कि न्यू ओपीडी से यूएचआईडी नंबर 20180487205 का पर्चा भी बनवाया गया था। डाक्टरों को बड़ी दिक्कत दिखी तो बाल रोग सर्जरी में भेज दिया गया। यहां पर पांच अक्टूबर को ओपीडी में दिखाने के बाद फिर 12 अक्टूबर को बुलाया गया। परिजनों का कहना है कि दोबारा दिखानें आर्इं तो डॉक्टरों ने सर्जरी कराने का परामर्श दिया।
इसके बाद बाल रोग सर्जरी विभाग में भर्ती करने के लिए पर्चा बनवाने गर्इं, तो बताया कि इस नंबर और इस नाम के मरीज को सात अक्टूबर को ही नाक, कान, गला रोग विभाग में भर्ती किया गया है। वहां से डिस्चार्ज नहीं होने तक बाल रोग सर्जरी विभाग में भर्ती नहीं किया जा सकेगा। शुक्रवार, शनिवार लगातार दो दिन तक सरस्वती भाग दौड़ करती रहीं, तब जाकर उन्हें नाक, कान, गला विभाग से डिस्चार्ज करने के पेपर बनाकर दिया गया और बड़ी मशक्त के बाद बाल रोग सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया।
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