लखनऊ। कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में फ्रंटलाइन वर्करों का वैक्सीनेशन बृहस्पतिवार को मात्र 24.44 प्रतिशत होने से स्वास्थ्य महकमें में हड़कम्प मच गया है। बृहस्पतिवार को कुल 12,250 फ्रंटलाइन वर्करों का वैक्सीनेशन करने का लक्ष्य रखा गया था, स्वास्थ्य विभाग की कोशिश थी कि फ्रंटलाइन वर्कर वैक्सीनेशन कराने के लिए बूथ पहंुचेगे, लेकिन दिन भर में आकंड़ों के अनुसार मात्र 2990 लोगों का ही वैक्सीनेशन किया जा सका।
बृह्सपतिवार को अचानक वैक्सीनेशन में कमी होता देख स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दोपहर से ही परेशान होना शुरु हो गये थे। आंकड़ों को बढ़ाने की कोशिश शुरू हो गयी थी। स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन की कमी का कारण तलाशने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार आज 1938 लोगों को कोविशील्ड व 1052 लोगों को को-वैक्सीन लगायी गयी है।
अब इसके बाद शुक्रवार को भी 29 केंद्रों के 98 बूथों पर करीब 12250 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। यही नही जो लोग बृहस्पतिवार को वैक्सीनेशन कराने से वंचित रह गये हैं, ऐसे 6000 फ्रंटलाइन वर्करों को कॉल कंट्रोल रूम से करायी जा रही है। उन्हें अनिवार्य रूप से शुक्रवार को वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचने के लिए कहा गया है। चर्चा है कि कर्मचारी जागरूकता के अभाव में वैक्सीनेशन में में ज्यादा रुचि नहीं ले रहे आैर कोरोना संक्रमण कम होने के कारण इसको समाप्त भी मान कर चल रहे है। विशेषज्ञों की माने तो यह लोग परिवार व अन्य लोगों को भी खतरे में डाल रहे हैं। जब कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन अचानक कम क्यो हो रहा है। इसको तलाशने में आज से अधिकारी जुट गये है। इसके कारणों की पड़ताल कराई जा रही है। यही नहीं शुक्रवार को पहुंचने के लिए लोगों को लगातार निर्देश दिये जा रहे है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एम के सिंह का मानना है कि शुक्रवार को बेहतर प्रतिशत जाने की उम्मीद है।












