नर्सिंग चयन प्रक्रिया में घोटाले की भी होगी जांच

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लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत के कार्यकाल में लगभग एक वर्ष पहले लगभग तीन सौ नर्सिंग पदों पर भर्ती पर एक बार विवाद उठ खड़ा हुआ है। बिना शासन की अनुमति के लगभग तीन सौ पदों पर भर्ती के नाम पर लाखों रुपये का गड़बड़ी का आरोप लगा था। कुछ अभ्यर्थियों ने इस नर्सिग पदों पर भर्ती में गड़बड़ी की जांच कराने की मांग की गयी है।

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केजीएमयू प्रशासन ने आनन- फानन में नर्सिंग पदों की स्थायी पदो पर भर्ती करने करने का निर्णय लिया था। इसमें पूर्व कुलपति प्रो.रविकांत के कार्यकाल में कार्यवाहक कुलसचिव डा. शैलेन्द्र यादव के साथ बिना शासन की अनुमति के लगभग तीन सौ नर्सिंग के पदों पर भर्ती करना शुरू कर दिया था। इन नर्सो के पदों पर चयन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके लिए 18 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे। इस प्रवेश परीक्षा में हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इसके बाद प्रवेश परीक्षा के आधार पर रिजल्ट भी घोषित करते हुए साक्षात्कार भी करने के लिए लिस्ट जारी कर दी गयी। यह सब आदेश निर्देश कुलसचिव के अवकाश पर जाने के बाद कार्यवाहक बने डा. शैलेद्र यादव ने कुलपति प्रो. रविकांत के साथ भर्ती की तैयारी कर ली थी।

अवकाश पर लौटने के बाद कुलसचिव ने बिना शासन की अनुमति के चल रही भर्ती को निरस्त कर दिया था। बताया जाता है कि नर्सिंग पदों पर भर्ती करने के नाम पर लाखों रुपयों का गड़बड़ी कर दी गयी थी। इसके बाद लगातार कोशिश की जा रही थी कि नर्सिंग पदों पर भर्ती कर ली जाए, लेकिन शासन ने इन पदों पर भर्ती की ही नही की थी। बताया जाता है कि पदों पर भर्ती के नाम पर लाखों रुपये की गड़बड़ी की शिकायत उस वक्त की गयी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी,एक बार फिर शिकायतों पर जांच करने के लिए अनुरोध कुछ अभ्यर्थियों ने किया है।

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