फूड प्वाइजनिंग से रिहैब सेंटर दो नहीं चार बच्चों की मौत

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– एक सप्ताह पूर्व से बीमार होना शुरू हो गये थे बच्चे, रिहैब सेंटर से छिपाये रखा

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लखनऊ । राजधानी में रिहैब सेंटर की लापरवाही व घटना का छिपाये रखने के कारण चार मानसिक मंदित किशोर- किशोरियों को आखिर जान गंवानी पड़ी। गत 20 मार्च को इन बच्चों को अलग अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है जिसमे वर्तमान में 16 बच्चे लोकबंधु अस्पताल , तीन बलरामपुर अस्पताल आैर एक का केजीएमयू मे ं इलाज चल रहा है ।

राजधानी के मोहान रोड स्थित निर्वाण रिेबिलिटेशन सेंटर में मानसिक मंदित बच्चों की सेहत से खिलवाड़ में चार बच्चों की मौत हो गयी है। अलग – अलग अस्पतालों में 20 बच्चों को भर्ती कराया गया ह ै। संस्था के अधिकारी बच्चो को समुचित इलाज मुहैया कराने के बजाय बीमारी छिपाने में जुटे रहे । संस्था के अफसर दो बच्चो की मौत की दावा कर रहे है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की जांच में चार बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मौत आैर बीमारी के आंकड़ो को छिपाने के लिए अलग अलग अस्पतालों में बच्चों को भर्ती कराया गया था।

[contact-field lबताया जा रहा है कि 22 मार्च को ठाकुरगंज अस्पताल में शिवांक (15) की मौत हो गयी थी। 25 मार्च को लोकबंधु अस्पताल में दीपा 16 वर्ष व बलरामपुर अस्पताल में सूरज की मौत हो गयी थी। 26 फरवरी की सुबह रेनू (13) की लोकबंधु अस्पताल में मौत हो गयी थी। निर्वाण संस्था में अनाथ मानसिक मंदित रूप से बीमार बच्चे रखे जाते है। यहां करीब 147 बच्चे है। बीते करीब एक सप्ताह से संस्था में बीमारी फैली है। बच्चे उल्टी, दस्त व पेट दर्द से बीमार चल रहे थे। शुरुआत में संस्था के अधिकारियों ने बीमारी को गंभीरता से नही लिया आैर उल्टी, दस्त व पेट दर्द से जूझते रहे।

शुरूआत में संस्था के अधिकारियों ने बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया आैर जब बच्चे उल्टी दस्त व पेट दर्द से बेहाल हो गये तो संस्था ने घटना पर पर्दा डालने के लिए अलग अलग अस्पतालों बच्चो को इलाज के लिए भेजना शुरू किया। समय पर इलाज न मिलने से चार बच्चों की सांसे थम गयी। गंदा पानी व दूषित भोजन किशोर- किशोरियों की मौत की बड़ी वजह हो सकती है।

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