लखनऊ। गोमतीनगर स्थित विनोद हॉस्पिटल में मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने पर जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लाइसेंस निरस्त कर दिया है। अस्पताल में डाक्टर की लापरवाही से मरीज का पैर खराब हो गया था। ऑपरेशन के बाद मरीज के पैर में पस आने की वजह से एक दो नहीं बल्कि आठ ऑपरेशन कराने पड़े। पीड़ित की शिकायत पर सीएमओ आफिस ने जांच किया। जांच रिपोर्ट में अस्पताल को दोषी मिला।
बताते चले कि गोमतीनगर के खरगापुर कौशलपुरी निवासी नीरज मिश्रा (35) वर्ष 2022 में सड़क एक्सीडेंट में घायल हो गए थे। लोगों ने उन्हें नजदीकी विनोद हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। वहां पर डॉक्टर ने जांच में दाहिने पैर की हड्डी टूटी मिली। डॉक्टर ने ऑपरेशन की बात कहने पर 29 अप्रैल 2022 को आधी रात को विनोद अस्पताल ने मरीज को एंबुलेंस से कुर्सी रोड के ग्रीन सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। वहां पर देर रात मरीज का ऑपरेशन करके रॉड डाली गई थी।
ऑपरेशन के आधे घंटे बाद ही मरीज को दोबारा एंबुलेंस से वापस विनोद हॉस्पिटल भेज दिया गया था। यहां लगभग 14 दिन तक मरीज भर्ती रहने के बाद डिस्चार्ज होने कर दिया। घर पहुंचने पर मरीज की हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती गयी। इस पर दूसरे अस्पताल में दिखाया तो वहां के डॉक्टर ने पैर में सड़न होने की बात कही। तीसरे अस्पताल के डॉक्टर ने राड संग सड़े हुए को मांस निकाल दिया। एक-एक करके मरीज के आठ ऑपरेशन हो गए।
इस दौरान लाखों रुपये खर्च हो गए। पीड़ित ने मामले की शिकायत सीएमओ कार्यालय में की थी। जांच में कमेटी ने विनोद हॉस्पिटल को दोषी पाया था। कमेटी ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति किया था। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करते हुए संचालन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।