लखनऊ। हुसैनगंज स्तित एफआई अस्पताल से निकालकर ट्रामा में पुलिस द्वारा भर्ती कराये गये मरीज मनोज की मौत मंगलवार को हो गयी। इसके बाद परिजनों ने एफआई अस्पताल तथा दलाल पर कार्रवाई की मांग की है। मरीज की मौत के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी डा. जीएस बाजपेयी एफआई हास्पिटल का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान सीएमओ ने मरीजों के रजिस्ट्रेशन सम्बन्धित रजिस्टर की मांग की,लेकिन अस्पताल का मैनेजर रजिस्टर नहीं दिखा सका। इसके अलावा यहां का आईसीयू भी मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया।
जिसके बाद सीएमओ ने अस्पताल को नोटिस देकर जवाब देने को कहा है। गत रविवार को एफआई हास्पिटल में बंधक मरीज को पुलिस की मद्द से एक अन्य निजी हास्पिटल तथा वहां से ट्रामा सेन्टर में भर्ती कराया गया था। तभी चिकित्सकों ने कह दिया था कि मरीज में कुछ बचा नहीं है। सीतापुर के भैसहा निवासी मनोज कुमार (15) बीते मई महीने में एक सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गया था। परिजन ने मरीज को ट्रामा सेन्टर में जहग की कमी बताकर मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। मरीज के भाई अनूप का कहना है कि बलरामपुर अस्पताल ले जाने की तैयारी हो रही थी कि ट्रामा सेन्टर की लॉबी में अफजल नाम का एक व्यक्ति मिला।
अच्छे व सस्ता इलाज दिलाने की बात कहकर एफआई अस्पताल ले आया। 7 लाख रुपये लेने के बाद भी अस्पताल वालों की पैसे की भूख नहींं खत्म हुई। बीते रविवार को अस्पताल की तरफ से अनूप को एक लाख का बिल और थमा दिया तो उनसे मरीज को किसी सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया जाये। इतनी सी बात पर अस्पताल के कर्मचारी भड़क गये और मरीज को बंधक बना लिया। मरीज को पुलिस की मद्द से एफआई हास्पिटल से निकाला गया।