महाकुंभ : संगम तट पर भगदड़, 14 की मौत, दर्जनों घायल

0
293

*आत्म अनुशासन बनाए रखें, अपने नजदीकी घाट पर ही करें स्नानः सीएम योगी*

Advertisement

*मौनी अमावस्या पर सीएम योगी सहित संतों ने की श्रद्धालुओं से अपील*

*मुख्यमंत्री ने कहा- किसी भी तरह की अफवाहों पर बिल्कुल न दें ध्यान

महाकुम्भ नगर। मौनी अमावस्या के पावन स्नान पर्व पर प्रयागराज मैं बीती रात अफवाह उड़ाने से श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे को धक्का देकर कुछ आगे भागने लगे जिसके कारण लोग पैरों के नीचे दबने लगे ,जिससे बताया जाता है 14 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए हैं। दर्जनों की संख्या में श्रद्धालु अपने परिजनों से बिछड़ चुके हैं। हालांकि मेरा प्रशासन घायलों का इलाज के साथ बिछड़ने लोगों की मदद कर रहा है।

इस बीच महाकुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख संतों ने अपील जारी की है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है। उन्होंने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। सीएम योगी ने सभी से अपील की है कि वह किसी भाी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें।

*संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें*
सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।

आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें
जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी कहा कि हमने फिलहाल सांकेतिक स्नान किया है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी ने बताया कि इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। इतनी बड़ी तादाद में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है। हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।

Previous articleजलवायु परिवर्तन का मातृ एवं बाल स्वास्थ्य पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव : चि. एवं स्वा. महानिदेशक
Next articleबढ़ती भीड़ को नियंत्रण के लिए महाकुंभ के बाहर मार्गो पर बसों व अन्य वाहनों को प्रवेश पर रोका

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here