लखनऊ । डा राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बायोप्सी जांच के लिए एकत्र किया गया सैंपल गायब होने का आरोप परिजनों ने लगाया है। परिजनों का कहना है कि पैथोलॉजी में बायोप्सी के लिए सैंपल जमा किया था। इसके बाद जांच रिपोर्ट नहीं आई। जबकि कर्मचारियों का कहना है कि नमूना जिस बॉक्स में लिया गया था, वह खाली था।
रामसेवक (77) वर्षीय मरीज को लेकर लोहिया संस्थान के यूरोलॉजी विभाग पहुंचे। ओपीडी मे मरीज के कैंसर की आशंका जाहिर की गयी थी। बायोप्सी जांच कराने की सलाह दी। जांच के लिए 30 मई को नमूना पैथोलॉजी में जमा किया गया। रिपोर्ट देने का समय 12 जून को दी जानी थी। जब परिजन रिपोर्ट लेने पहुंचे तो पता चला कि बायोप्सी का नमूना लैब तक नहीं पहुंचा। लैब में खाली कंटेनर पहुंचे, किसी भी कंटेनर में कोई भी नमूना नहीं था।
परिजनों की सुनवाई नही हो रही है। मंगलवार को परिजनों ने लिखित शिकायत की। परिजनों का कहना है कि बायोप्सी में मरीज के शरीर से ऊतक (टिश्यू) के सैंपल लिए जाते हैं। मरीज की बायोप्सी के लिए कुल 12 कंटेनरों में सैंपल भरे गए थे जिसे अस्पताल की लैब में जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में साफ लिखा था लैब में कुल 12 कंटेनर प्राप्त हुए, किंतु किसी भी कंटेनर में कोई भी ऊतक या जैविक नमूना नहीं था।
परिजनों का कहना है कि बयोप्सी जांच के लिए दोबारा नमूना देने की प्रक्रिया होगी। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ेगा। परिवारीजनों का कहना है कि बायोप्सी के लिए सात से आठ हजार रुपए का मेडिकल सामान भी खरीदना पड़ेगा। प्रवक्ता डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। मरीज की हर संभव मदद भी की जाएगी।