लोहिया संस्थान: अचानक 250 सुरक्षा गार्ड्स की सेवा समाप्त, आक्रोश

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लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लंबे समय से तैनात चल रहे 250 से अधिक सुरक्षा गार्डों की अचानक नौकरी से हटाते हुए सेवा समाप्त कर दी। हटाये गये सुरक्षा गार्डों का डेढ़ महीने का वेतन भी बकाया चल रहा है। सुरक्षा गार्डों का आरोप है कि सभी को बिना किसी नोटिस या सूचना के अचानक ड्यूटी न करने का निर्देश देते हुए सेवा समाप्त करने की जानकारी दी गयी, जब जिम्मेदार अधिकारियों से सुरक्षा गार्डो ने बात की तो उन्हें वार्ड ब्वॉय के रूप में समायोजित करने का गोलमोल आश्वासन दे रहे हैं। अधिकारियों की टालमटोली से सुरक्षाकर्मियों में आक्रोश हैं।

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लोहिया संस्थान में आठ वर्षो से काम कर रहे सुरक्षा कर्मचारियों को 14 अप्रैल से अचानक नौकरी से हटाने का आदेश कर दिया गया। सुदर्शन फैसिलिटी संस्था की ओर से यह गार्ड संस्थान में विभिन्न स्थानों पर तैनात होकर काम कर रहे थे। उससे पहले यह गार्ड प्रिंसिपल सिक्योरिटीज संस्था की ओर से कार्यरत थे। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चितानंद मिश्रा का आरोप है कि लोहिया संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों और सेवा प्रदाता कंपनी सुदर्शन की मनमाने नियम और शासनादेश की अनदेखी कर इतनी संख्या में सुरक्षा गार्डों को एक साथ नौकरी से हटा दिया गया है।

आठ वर्षो से लगातार दो कंपनियां (पहले प्रिंसिपल, फिर सुदर्शन फैसिलिटी) के माध्यम से काम करने वाले सुरक्षा कर्मियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया है। अब नयी फर्म किंग सिक्योरिटी को लोहिया संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों ने सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति का ठेका दे दिया है। नयी फर्म किंग सिक्योरिटी ने अपने कर्मचारियों को सुरक्षा गार्ड के पद पर तैनाती देना भी शुरू कर दिया है।

आरोप है कि नयी कंपनी ने आते ही संस्थान के कुछ अधिकारियों की मदद से सभी पुराने कर्मचारियों को हटाकर नयी भर्ती कर ली, जो कि जेम पोर्टल और सेवायोजन संबंधी शासनादेश का खुला उल्लंघन है। शासन की ओर से 25 अगस्त 2020 का जेम पोर्टल की नीति तथा कई अन्य आदेश में यह निर्देश है कि एजेंसी का अनुबंध होने पर पुराने ही कर्मचारी नई फर्म की ओर से समायोजित किए जाएंगे, लेकिन संस्थान के अधिकारियों और किंग सिक्योरिटी फर्म की ओर से खुले तौर पर अनदेखी की गई।

संघ के महामंत्री सच्चितानंद मिश्रा ने कहा कि अचानक मीटिंग बुलाकर कल से ड्यूटी बंद करने की सूचना दी गई। अधिकारी हटाए गए कर्मचारियों से बोल रहे हैं कि आप लोग शोर और बवाल न करें। 15 दिन से एक माह में आपको कहीं और तैनाती दिलायी जाएगी। आरोप है कि लोहिया, पीजीआई जैसे संस्थान से रिटायर कर्मचारियों को रखकर हजारों रुपए की मोटी तनख्वाह देकर काम कराया जा रहा है। इसकी शिकायत उपमुख्यमंत्री और शासन स्तर पर शिकायत की जाएगी।

लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डा. भुवन तिवारी का कहना है कि सुरक्षा गार्डों को नौकरी से हटाए जाने के मामले में संबंधित कंपनी ही कुछ बता सकती है। इसके बारे में संस्थान की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है।

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