लिवर प्रत्यारोपण मरीज की मौत, परिजनों ने मांगा मुआवजा

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लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय में कुछ महीने पहले हुए लिवर प्रत्यारोपण में एक मरीज की मौत हो गयी। इसके बाद उसक परिजनों ने विशेषज्ञों और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है बल्कि प्रत्यारोपण में आया खर्च भी वापस मांगा है। इसकी लिखित शिकायत मृतक की पत्नी ने केजीएमयू कु लपति को दी है, जिसमें जांच कराने की मांग की है।

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बताते चले कि तेलीबाग के रहने वाले मनोज कुमार द्विवेदी का सात सितंबर को लिवर प्रत्यारोपण किया गया। यह लिवर पत्नी सरोज द्विवेदी ने दान किया था। कुलपति को दिये गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रत्यारोपण के बाद जब फॉलोअप के लिए आते थे, तो ज्यादातर डॉक्टर मरीज को नहीं देखने में लापरवाही बरतते थे। एक नही कई नर्सिंग स्टाफ ने ब्लड टेस्ट सैंपल लेकर मरीज को घर भेज दिया। उनका आरोप है कि मौत से एक दिन ही पहले जब फॉलोअप के लिए आए तो उनकी हालत खराब थी। मरीज का ब्लड प्रेशर (बीपी) 191/151 था, जब कि हार्टबीट 130 पर चल रही थी । उनका आरोप है कि लेकिन डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। डॉक्टर ने फ ौरतौर पर कह दिया कि डरने की बात नहीं है और अगले ही दिन 19 अक्टूबर को मौत हो गई।

पत्र में दावा किया गया है कि प्रत्यारोपण पर 15 लाख रुपये खर्च हुए है। इसमें साढ़े दस लाख रुपये त्रिमूर्ती मेडिकल्स को सर्जिकल इक्विपमेंट के लिए देने के लिए कहा गया था। वहीं दो लाख से अधिक निजी पैथॉलाजी में टेस्ट कराये गये थे। यहीं नहीं एक लाख रुपये दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल से आने वाले फैकल्टी के खर्च के लिए भी लिये गये थे। इतना खर्च होने के बाद भी फालोअप में लगातार लापरवाही बरती गयी है। इसलिए दस लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिये जाएं। पत्र के अंत में पत्नी सरोज द्विवेदी ने मार्मिक बात कहते हुए कही है कि उसके दो बच्चे हैं, जिसमें बेटा 16 साल का है और बेटी 12 साल की है। घर में और कोई कमाने वाला नहीं है। ऐसे में पति जिंदा होते वह परिवार का भरण पोषण करने की जिम्मेदारी निभाते। उनके न होने पर अब परिवार का भरण पोषण भी हो गया है।

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