लखनऊ । प्रदेश के रेफरल सेंटर कहे जाने वाले बलरामपुर अस्पताल की आपरेशन थियेटर (ओटी) से एक्सपायर हो चुके एनिस्थिसिया और ब्लड कंट्रोल करे के लिए दिए जाने वाले इंजेक्शन से हड़कम्प मच गया है। इन ओटी में मरीजों का जटिल सर्जरी करने का दावा किया जाता है आैर इन इजेक्शन की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की होती है। मिले डोब्यूटामाइन एक साल पहले ही एक्सपायर हो चुका है, जब कि दूसरा एनिस्थिसिया में दिये जाने वाला इंजेक्शन जून में एक्सपायर हो चुका है। इस मामला का खुलासा होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच कराने के निर्देश तत्काल दे दिया है।
बलरामपुर अस्पताल में मरीजों बृहस्पतिवार को जहां गलत इंजेक्शन लगाकर मरीजों की तबियत बिगड़ने का मामला शांत नही हो पाया था कि शुक्रवार को एक्सपायर इंजेक्शन मिलने से जिम्मेदार अधिकारी बैक फुट पर आ गये है। यह एक्सपायर इंजेक्शन ऑथों के ऑपरेशन थिएटर में मिले है। यह इंजेक्शन एनिस्थिसिया और ब्लड प्रेशर को तत्काल नियंत्रण करने के लिए मरीज को दिये जाते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि ओटी में प्रतिदिन पांच से छह सर्जरी होते हैं। इनमें बेहोशी देना महत्वपूर्ण होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक्सपायर इंजेक्शन किसी भी मरीज की सर्जरी के दौरान ही तबियत बिगाड़ सकते हैं।
जानकारों के अनुसार माइनर सर्जरी के दौरान लोकल एनेस्थीसिया और डोब्यूटामाइन का इंजेक्शन हार्ट संबंधितबीमारी से पीड़ित मरीज का ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में दी जाती है। बताया जाता है कि इन एक्सपायर इंजेक्शन का खुलासा आपरेशन थियेटर से बाहर नहीं निकलने पर अपने तीमारदार तलाश करने के दौरान हुआ है। मीडिया में इसकी जानकारी आने के बाद निदेशक डॉ राजीवा लोचन ने तत्काल जांच के निर्देश दे दिये है। उनका कहना है कि इंजेक्शन एक्सपायर मिलना आश्चर्य है। फिर भी हर पहलू की जांच की जाएगी। अगर कोई दोषी मिलता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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