लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने अपना कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर बुधवार को अपनी उपलब्धियां गिनायी। पत्रकार वार्ता में कुलपति ने दावा किया कि जल्द ही ट्रॉमा सेंटर में मरीजों की भर्ती मुफ्त होगी। इलाज के दौरान होने वाली जांचें भी निशुल्क हो सकती है। यहां तक वेंटिलेटर पर भर्ती भी निशुल्क करने का प्रस्ताव है। मरीज के इलाज का पूरा खर्च केजीएमयू प्रशासन वहन करेगा। कुलपति प्रो. भट्ट ने दावा किया कि इस योजना पर शासन व नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) को प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव को पूरा करने के लिए 25 करोड़ रुपये के बजट की मांग की गयी है।
कुलपति ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में 400 से ज्यादा बेड हैं। वर्तमान में अभी भर्ती शुल्क मरीजों से नहीं लिया जा रहा है, लेकिन वार्ड में शिफ्ट करने के बाद मरीजों से शुल्क लिया जा रहा है। नये प्रस्ताव की अनुमति मिलने के बाद बजट से मरीजों को भर्ती के दौरान होने वाली तमाम तरह की मुश्किलों से निजात दिलाने मिल जाएगी। मरीज जब तक ट्रॉमा सेंटर में भर्ती रहेगा तब तक उसका इलाज निशुल्क होगा। कुलपति ने बताया कि बजट मिलते ही निशुल्क इलाज शुरू कर दिया जाएगा। कुलपति ने कहा कि यदि किन्हीं कारणों से बजट नहीं मिलता है तो अपने अन्य संसाधनों से व्यवस्था शुरू करने की कवायद की जाएगी। उन्होंने बताया कि केजीएमयू 40 से 50 करोड़ रुपये सालाना जांच आदि शुल्क से जुटाता है। इसमें बिजली का बिल, ठेका कर्मचारियों को वेतन आदि का भुगतान करता है।
यदि अपने संसाधन से ट्रॉमा में इलाज फ्री किया जाता है तो उसमें समय सीमा तय की जाएगी। मसलन एक हफ्ते तक ट्रॉमा में भर्ती रखने तक शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मरीजों की चिकित्सा व्यवस्था में ओपीडी में भर्ती से लेकर दवा मिलने तक की व्यवस्था ऑन लाइन कर दी गयी है। ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने कहा कि केजीएमयू को गर्व है कि मानव संसाधन विभाग की राष्ट्रीय संस्थागत रैकिंग में केजीएमयू ने 15 वां व मेडिकल कैटेगरी में 5 वां स्थान प्राप्त हुआ है। 2017 में नैक ए ग्रेड मिला। इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के लिए देश के शीर्ष 32 संस्थानों में चुना गया है।
कुलपति कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां
-सस्ती दवा के लिए पांच अमृत फार्मेसी खोली गई हैं। एचआरएफ व्यवस्था के तहत दवा की कीमत कम दर पर लागू की।
-कैमिकल पैथोलॉजी व वायरोलॉजी लैब को एनएबीएल की मान्यता मिली।
– हेमैटोलॉजी विभाग में पहली बार रक्त कैंसर मरीज का स्टेम सेल से सफल इलाज।
-सालभर के भीतर 400 किलोवाट की सोलर पावर एनर्जी को लगा गया। 3000 मरीजों का तैयार हो रहा खाना।
-शोध व आधुनिक औषधियों की खोज के लिए सेंटर फॉर एडवान्स रिसर्च का संचालन शुरु
-स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग की स्थापना की गयी। इसके लिए भारत सरकार से 74.80 लाख की वित्तीय मंजूरी मिली।
-मानसिक रोग विभाग को शोध व अध्ययन के लिए 57 लाख के अनुदान को मंजूरी मिली।
-ज्वाइंट केयर एंड रिप्लेसमेंण्ट यूनिट, स्पोर्टस मेडिसिन एवं पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक के निर्माण के लिए सीएनडीएस को नामित किया गया है।
-ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग के साथ आपसी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर।
-स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रसार के लिए सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
-सोशल आउटरीच कार्यक्रम के तहत प्रदेश के दूसरे जिलों में 27 चिकित्सा शिविर लगाए गए। इसमें 22,644 लोगों निःशुल्क जांच हुई। गोरखपुर में जेई पीड़ितों की सेहत की जांच हुई। 677 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर इलाज उपलब्ध कराया गया।
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