लखनऊ। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले क्षय रोगियों को अब तीन दिन की खुराक की जगह प्रतिदिन दवा दी जायेगी। यह नियम नये रोगियों पर लागू होगा। जिनका इलाज पहले से चल रहा है। उन्हें पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही दवा दी जायेगी।
सरकार के इस नये कदम से प्रदेश के लगभग 2.5 लाख क्षय रोग से पीड़ित नये मरीजों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह कदम निजी क्षेत्र के साथ मिलकर वर्ष 2025 तक क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने में सहायक साबित होगा।
यह जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रमुख सचिव प्रशान्त त्रिवेदी ने सोमवार को पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये दी। उन्होंने बताया कि जो रोगी टीबी व एचआईबी दोनों से पीड़ित है,उन्हें पहले से ही दवा की खुराक रोजाना दी जा रही है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन व विशेष समितियों की संस्तुति के अनुसार रोजाना दवा दिये जाने से बीमारी के दोबारा लौट के आने की संभावना काफी कम हो जायेगी।
उन्होंने बताया कि नई योजना के अन्र्तगत दवा निर्धारित मात्रा में दी जायेगी। इससे मरीजों को कम गोलियों का सेवन करना पड़ेगा। इससे पहले क्षय रोग से पीड़ित मरीज को सप्ताह में तीन दिन में सात गोलियां लेनी होती थी। प्रदेश के समस्त जनपदों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी गयी है, साथ ही दवा देने वाले कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।