बदकिस्मती से यदि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा है और खानपान व कसरत के जरिये इस पर कंट्रोल नहीं हो पाता, साथ ही आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली स्टेनिन दवाओं का सहारा भी नहीं लेना चाहते, तो आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले नेचुरल सप्लीमेंट्स का सहारा ले सकते हैं। यहाँ हम कुछ ऐसे ही ह्रदय हितैषी सप्लीमेंट्स का जिक्र करने जा रहे हैं। पहली बात यह है की इन ह्रदय हितैषी सप्लीमेंट्स पर आँख मूँद कर विश्वास इसलिए न कर लें की ये नेचुरल है और बिना डॉक्टरी पर्ची के उपलब्ध है। यदि यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित कर सकते हैं तो शरीर पर अन्य प्रभाव भी डाल सकते हैं।
कुछ दवाओं के साथ मिलकर आपसी क्रिया कर सकते हैं, जिनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने वाली दवाओं का भी शुमार है। और हाँ आमतौर से लोगों को इन सप्लीमेंट्स की आदर्श खुराक की मालूमात नहीं होती है। ऐसे में इनमें से ज्यादातर का असर मामूली ही हो पता है।
बहरहाल कोलेस्ट्रॉल को काम करने वाली दवाओं के बड़े पैमाने पर गहन अध्ययन किये गए हैं। इनके नतीजे भी असरदार मिले हैं। इसके अलावा इनके साइड इफेक्ट्स काम ही देखने को मिलते हैं। फिर मेडिकल साइंस को इनके साइड इफेक्ट्स की जानकारी भी है। आपको बस यह मालूमात होनी चाहिए की कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा में कौन सा केमिकल है और जो आप हृदय हितैषी सप्पलीमेंट में ले रहे हैं, उसमें क्या है, ताकि दोनों मिलकर कोई गड़बड़ी पैदा न करे।
यदि आप हाई कोलेस्ट्रॉल के शिकार हैं और यहाँ बताये जा रहे सप्प्लिमेंट्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दें, ताकि वह सप्प्लिमेंट्स के प्रभावों को परख सके. यदि आप स्टैटिन्स ले रहें हैं तो ये सप्पलीमेंट दवा की खुराक काम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
नियासिन (बी-3) –
नियासिन ‘B’ विटामिन समूह से है और इसकी बड़ी खुराक (१ से ३ ग्राम प्रतिदिन) ली जा सकती है। यह साबित हो चुका है की यह ‘एलडीएल’ यानि ‘गुड’ कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को प्रभाव शैली ढंग से बढ़ाता है। इतना ही नहीं, यह ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर भी कम कर देता है। जबकि स्टेटिंस यह रिजल्ट नहीं देती है।
स्टेरॉल्स या स्टेनॉल्स –
ये वनस्पति से प्राप्त कंपाउंड्स हैं, जो कोलेस्टराल के ही समान है और खानपान से प्राप्त कोलेस्ट्रॉल के जज्ब होने में दखलंदाजी करते हैं. इनकी मानक खुराक (२ ग्राम या २,००० मिलीग्राम प्रतिदिन ) हानिकारक ‘एलडीएल’ कोलेस्ट्रॉल के लेवल को ९ से २० फीसदी तक घटा देती है। द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन स्टेरोल्स /स्टेनोल्स से फोर्टीफ़िएड फूड्स जैसे , बाइनेकोल और टेक कण्ट्रोल मार्ग्रीन्स के सेवन की सिफारिस करता है। इसके अलावा स्टेरोल और स्टेनोल सप्प्लिमेंट्स भी मिलते हैं, जिनका कंपोजिशन और खुराक अलग-अलग होती है।
घुलनशील फाइबर सप्लीमेंट्स-
सरकार की कोलेस्ट्रॉल गाइडलाइन के अनुसार कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए ऐसे फल, सबब्जियों और अनाजों का सेवन करना चाहिए, घुलनशील फाइबर की मात्रा भरपूर हो। इनमें ईसबगोल भी शामिल है, जिससे आमतौर पर सभी परिचित हैं। यह दस्तावर और फाइबर सप्लीमेंट के रूप में उपलब्ध है। ईसबगोल ‘एलडीएल’ कोलेस्ट्रॉल को ५ से १५ फीसदी तक घटा सकता है। इसके अलावा इसके अन्य ह्रदय हितैषी प्रभाव भी हैं। इसका अधिकतम फायदा पाने के लिए इसकी मानक खुराक तीन बार रोज़ाना लें।