लखनऊ। पीजीआई स्थित राजधानी अस्पताल में मरीज के अंग निकालने मामले को स्वास्थ्य जांच पुलिस संग सीएमओ टीम भी करेगी। सीएमओ ने बृहस्पतिवार को कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ का कहना है दस्तावेजों को लेकर मामले की पड़ताल कराई जाएगी। जिसके बाद अंग निकालने मामले से पर्दा उठेगा। बताते चले कि शिवपती सरोज अमेठी के मुसाफिरखाना जगदीशपुर स्थित इमलीगांव के पूरे अमेठियन गांव की रहने वाली हैं। उनकी बहन निर्मला देवी बुखार से पीड़ित थीं। 19 अक्तूबर व् की रात करीब नौ बजे उन्होंने निर्मला को इलाके के ही सूर्या अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां से हालत गंभीर बताते हुए उसे केजीएमयू ले जाने की सलाह दी। शिवपती व अन्य परिवारीजन निर्मला को एंबुलेंस से लेकर लखनऊ चल दिए।
एंबुलेंस के चालक अमेठी के ही कमरौली स्थित ढुड़ेहरी बहुआ निवासी रामधीरज चौरसिया ने केजीएमयू न ले जाने की बजाय मरीज को कमीशन के चक्कर में राजधानी अस्पताल लाकर भर्ती करा दिया था। इस दौरान डॉक्टरों ने करीब 40 हजार रुपए दवाएं व इलाज के लिए ले लिए। इसके बाद अचानक अस्पताल प्रशासन ने निर्मला को केजीएमयू रेफर किया जा रहा है। शिवपती निर्मला के पास पहुंची तो होश उड़ गए। उसकी सांस बंद थी। निर्मला के पेट में दायीं व बायीं तरफ दो बड़े-बड़े चीरे लगे थे जिनसे खून बह रहा था। शिवपति ने अंग निकालने का आरोप लगाया तो उन्हें शांत कराकर वापस भेज दिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि पुलिस संग सीएमओ टीम भी मामले की जांच करेगी। एक्सपर्ट की राय व रिपोर्ट लगने बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। कहा कमेटी गठित की जा रही है, जल्द ही टीम अस्पताल जाकर साक्ष्य जुटाएगी। वहीं अस्पताल संचालक डॉ. सीपी दुबे का कहना है तीमारदारों के आरोप बेबुनियाद है। वह हर तरह की जांच के लिए तैयार है। कहा जांच में स्थिति खुद ही साफ हो जाएगी।
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