-डॉ शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय की थी एमकॉम की छात्रा
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है मरीज भटकता रहता है और डॉक्टर उसे नजरअंदाज किया करते हैं कुछ ऐसा ही वाकया डॉ शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में एमकॉम की छात्रा अस्मिता अशोक डोंगरे के साथ घटित हुआ। सोमवार की रात ग्यारह बजे के करीब अस्मिता की अचानक तबियत खराब हुई, जिसके बाद उसे आशियाना स्थित लोक बंधु अस्पताल में 11:30 बजे पेट दर्द को लेकर भर्ती कराया गया । परिजनों ने बताया कि वहां पर चिकित्सकों की देखरेख में उसे 3-4 बोतल ग्लूकोज और सलाइन चढ़ाई गई । परिचित लोग घर आ गए और उनके परिजन छात्रा के पास ही थे l रात में अचानक 4:00 बजे के करीब परिजनों से कहा गया कि अब आगे का इलाज केजीएमयू में किया जाएगा, आप लोग वहां चले जाएं । छात्रा को एंबुलेंस में लेकर परिजन केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंचे, देर रात करीब 5:00 बजे इमरजेंसी में प्राथमिक इलाज करने के बाद सुबह opd दिखलाने के कहा गया। सुबह opd पहुंचे तो इमरजेंसी मरीज को ले जाने के लिए कहा गया। ऐसे में लेकर दोपहर 2:00 बजे तक छात्रा को लेकर परिजन इमरजेंसी और ओपीडी में भटकते रहे और उसे इलाज नहीं मिला और अंततः दोपहर बाद बिना इलाज के उसकी मृत्यु हो गई । पिता अशोक डोंगरे का आरोप है कि चिकित्सकों पर लापरवाही बरती है। आरोप लगाते हुए कहा है कि केजीएमयू डॉक्टरों ने एक न सुनी और उन्हें इमरजेंसी से ओपीडी तक दौड़ आते रहे समय पर इलाज नहीं किया। उनके बच्चे को समय पर इलाज नहीं दिया, जिससे छात्रा की मौत हो गई, उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले के जिम्मेदार और दोषी चिकित्सकों पर कार्रवाई करने की भी मांग की है ।