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प्रो. कुमार शांतनु और प्रो. आशीष कुमार ने की नई तकनीक से कंधे की जटिल सर्जरीदं
लखनऊ। प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने एक नया मील का पत्थर छू लिया है। पहली बार राज्य में InSpace™ बैलून स्पेसर सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इस ऐतिहासिक सर्जरी का नेतृत्व किया प्रो. कुमार शांतनु और प्रो. आशीष कुमार ने — दोनों कंधे एवं घुटने की बीमारियों के विशेषज्ञ और वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं।
यह सर्जरी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ के ऑर्थोपेडिक्स विभाग में की गई, जहां पिछले 10 वर्षों से स्पोर्ट्स इंजरी यूनिट का सफल संचालन किया जा रहा है।
स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ प्रो. कुमार शांतनु और विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष कुमार इस यूनिट को लीड कर रहे हैं। इन्होंने मिलकर उत्तर प्रदेश में पहली बार यह उन्नत सर्जरी कर एक नई चिकित्सकीय उपलब्धि दर्ज की है।
क्या है InSpace बैलून स्पेसर सर्जरी?
यह एक नई, आधुनिक तकनीक है जो उन मरीजों के लिए वरदान बनकर आई है जिनके रोटेटर कफ की चोटें इतनी गंभीर होती हैं कि उन्हें ठीक नहीं किया जा सकता। इस तकनीक में एक छोटा सा, बायोडिग्रेडेबल बैलून कंधे की हड्डियों के बीच दूरबीन विधि से डाला जाता है, जो वहां जाकर घर्षण कम करता है, दर्द घटाता है और मूवमेंट बेहतर करता है।
यह प्रक्रिया आर्थ्रोस्कोपिक यानी कम चीरे वाली तकनीक से की जाती है। मरीज को बेहोश कर छोटे चीरे से कैमरे और उपकरणों की मदद से स्पेसर डाला गया। पूरी सर्जरी लगभग ३० मिनट में पूरी हुई और मरीज को अगले ही दिन छुट्टी दे दी गई।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बोलते हुए, प्रो. कुमार शांतनु ने कहा:
“यह तकनीक उन मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है जो वर्षों से कंधे के दर्द और सीमित गतिविधि से परेशान थे।”
प्रो. आशीष कुमार ने बताया कि बुजुर्ग और उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए यह सर्जरी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी विकल्प है। हमें गर्व है कि KGMU में इसकी शुरुआत करके हमने उत्तर प्रदेश में एक नई राह खोली है।”
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मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार
सर्जरी के बाद मरीज को दर्द में स्पष्ट राहत मिली और वह कुछ ही दिनों में हाथ की सामान्य गतिविधियाँ करने लगा। डॉक्टरों का मानना है कि सही फिजियोथेरेपी के साथ मरीज पूर्ण रूप से सक्रिय जीवनशैली अपना सकेगा।
उत्तर प्रदेश में InSpace बैलून स्पेसर सर्जरी की यह पहली सफलता भविष्य में हजारों मरीजों के लिए राहत का रास्ता खोल सकती हशं