Kgmu : वादें नहीं निभाये,16 से हड़ताल तय

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लखनऊ। केजीएमयू के ग़ैर शैक्षणिक कर्मियों को पीजीआई के समान वेतनमान हेतु सवंर्ग पुनर्गठन न करने तथा शासन व चिकित्सा मंत्री, एवं केजी एम यू के कर्मियों से वादा खिलाफ़ी के विरोध में 16 नवंबर से अनिश्चितक़ालीन हड़ताल करेंगा। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि आंदोलन के बीच अगर कोई मंत्री या शासन का कोई अधिकारी पहुंचेगा, तो उसका भी विरोध किया जाएगा, जिसकी जिम्म्मेदारी केजीएमयू प्रशासन व शासन की होगी।

केजीएमयू के ग़ैर शैक्षणिक कर्मियों को एस जी पी जी आइ के समान वेतनमान एवं भत्ते हेतु तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोसणा तथा कैबिनेट के अनुमोदन के पश्चात 22 अगस्त 2016 को शासनादेश निर्गत किया गया। इसके अनुपालन में पूरे 5 वर्ष पश्चात भी अभी तक मात्र 2 समवर्गो का ही कैडर स्ट्रक्चरिंग किया गया है, जिसमें भी सिर्फ़ एक ही समवर्ग के शासनादेश को लागू कर लाभ दिया गया है ।

 

 

 

जबकि जनवरी में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना , डॉक्टर रजनीश दुबे(तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ,चिकित्सा शिक्षा विभाग, संजीव मित्तल (तत्कालीन अपर मुख्य सचिव – वित्त विभाग ) ,कुलसचिव -के जी एम यू तथा कर्मचारी परिषद की एक बैठक आहूत की गयी,जिसमें चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कर्मचारी परिषद की माँग को जायज़ ठहराते हुए मार्च महीने तक 4 कैडर तथा सितम्बर माह तक समस्त कैडरो की कैडर स्ट्रक्चरिंग करने हेतु शासन के समस्त उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया गया था , किंतु उनके सख़्त निर्देशो के उपरांत भी शासन के अधिकारियों पर कोई असर नही पड़ा। प्रमुख सचिव ,चिकित्सा शिक्षा विभाग के अनुरोध पर उनके द्वारा सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में कुलसचिव -के जी एम यू की उपस्थिति में कर्मचारी परिषद को आश्वस्त किया गया तथा कहा गया कि सितंबर माह में 4 कैडर तथा विधानसभा चुनाव से पूर्व अन्य कैडरो की कैडर स्ट्रक्चरिंग करने का दावा किया गया, लेकिन वर्तमान स्थिति तक कोई एक कैडर भी नही किया गया है,बल्कि शासन द्वारा कार्य को लम्बित करने के लिए अनावश्यक सूचनाओं का अम्बार लगाकर विलम्ब किया जा रहा है। जिससे कर्मचारियों में उदासीनता के साथ साथ रोष उत्पन्न हो रहा है। विवश होकर कर्मचारीयों के आहवान पर कर्मचारी परिषद केजीएमयू द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 16 नवंबर से अनिश्चितकाल तक इमेरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाए बंद रहेंगी। इसके साथ ही जब तक शासनादेश जारी होना शुरू नहीं हो जाते तब तक सरकार के मंत्री ,शासन एवं प्रशासन के किसी भी उच्च अधिकारी के किसी भी आश्वासन पर आंदोलन नहीं स्थगित किया जाएगा । इस दौरान के जी एम यू में आने वाले मंत्रियो एवं शासन के अधिकारियों का पुरज़ोर विरोध किया जाएगा।

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