उत्तर प्रदेश में केजीएमयू बना कूल्हे का रोबोटिक प्रत्यारोपण करने वाला पहला सहकारी संस्थान ( आयुष्मान मरीज बने प्रथम लाभार्थी )
रोबोट की मदद से नई तकनीक, नया जीवन — ऑर्थोपेडिक विभाग की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए पहली बार रोबोट की मदद से कूल्हे का रोबोटिक प्रत्यारोपण (Robotic Hip Replacement) सफलतापूर्वक किया। यह उपलब्धि उत्तर भारत के सरकारी संस्थानों में अपनी तरह की पहली सर्जरी मानी जा रही है।
इस तकनीकी उपलब्धि का नेतृत्व हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. आशीष कुमार ने किया। उनके साथ वरिष्ठ विशेषज्ञों की अनुभवी टीम — प्रो. नरेंद्र, प्रो. कुमार शांतनु, डॉ. संजीव,डॉ. देवर्षि, डॉ मधुसूदन और डॉ बृजमोहन ने इस सर्जरी को बेजोड़ समन्वय और विशेषज्ञता के साथ अंजाम दिया।
सर्जरी के दौरान सफल एनेस्थीसिया प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रो. दिनेश कौशल और डॉ. नीलकमल की टीम ने संभाली, जिन्होंने मरीज की स्थिति को सर्जरी के पूरे दौरान स्थिर बनाए रखा।
रोबोट एक विश्वप्रसिद्ध अत्याधुनिक तकनीक है, जो हड्डियों की 3D मैपिंग कर सटीकता से इंप्लांट पोजिशनिंग सुनिश्चित करता है। इससे सर्जरी की सफलता दर बढ़ती है, रक्तस्राव कम होता है, और मरीज की रिकवरी कहीं अधिक तेज़ होती है।
इस रोबोटिक सर्जरी के दोनों मरीज आयुष्मान योजना के लाभार्ती हैं, जो वर्षों से कूल्हे की गंभीर बीमारी (Hip Osteoarthritis) से पीड़ित थे। रोबोटिक तकनीक से किए गए इस प्रत्यारोपण के बाद वह तीसरे दिन से चलने में सक्षम हो जाएँगे ।
कुलपति प्रो. सोनिया नित्यनंद ने कहा कि यह तकनीक अब सरकारी संस्थानों में भी उन्नत और कम दर्द वाली सर्जरी की दिशा में सराहनीय कदम है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में केजीएमयू में अन्य विभागों में भी रोबोटिक तकनीक से सर्जरी शुरू की जाएगी। इस कदम से न केवल संस्थान की प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है, बल्कि भविष्य में सरकारी अस्पतालों में भी हाई-एंड रोबोटिक ऑर्थोपेडिक सर्जरी की राह खुली है।