आम की नयी प्रजाति बनाकर विश्वस्तर पर लखनऊ के मलिहाबाद का नाम रोशन करने वाले कलीमउल्ला खान को हार्टपेन होने पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लॉरी कार्डियोलॉजी विभाग में इलाज नहीं मुहैया हो पाया। परिजनों का आरोप है कि लॉरी में जांच के बाद डाक्टरों ने घर ले जाने निर्देश दिया। जब कि निजी अस्पताल में भर्ती कराने पर डाक्टरों ने जांच के बाद हार्ट अटैक बताते हुए स्टंट भी डाला गया है। उधर केजीएमयू प्रशासन के अनुसार जांच के अनुसार उन्हें उस वक्त कोई अटैक नहीं आया था।
आम के एक पेड़ से तीन सौ ज्यादा नस्ल को बनाने वाले मलिहाबाद के कलीमउल्ला खान के 23 अप्रैल को हार्टपेन होने पर परिजनों ने अपने फैमली डाक्टरों को दिखाया। परिजनों ने अनुसार फैमली डाक्टर ने प्राथमिक करने के बाद तत्काल लॉरी कार्डियोलॉजी ले जाने का परामर्श दिया था। परिजन कलीमउल्लाखान को लेकर रात दस के बाद लॉरी पहुंचे। यहां पर डाक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद कहा कि कोई परेशान होने की जरूरत नहीं बताते हुए ब्लड की ट्रापटी जांच करायी। करीब एक घंटे बाद रिपोर्ट आने पर डाक्टरों ने सामान्य बताते हुए घर ले जाने का परामर्श दिया। परिजनों का कहना है लेकिन हालत में सुधार नहीं दिखने पर वह गोमती नगर के निजी अस्पताल ले गये।
यहां डाक्टरों ने भर्ती करने के बाद जांच करायी आैर हार्ट अटैक आना बताया। इसके साथ ही ब्ूूूूलाकेज की दिक्कत होने पर एक स्टंट डालने के कहा। उनके स्टंट भी डाल दिया गया है आैर वह आईसीयू से बाहर आ गये है। परिजनों का आरोप है कि लॉरी कार्डियोलॉजी के डाक्टरों ने सही इलाज किया होता तो उन्हें निजी अस्पताल ले जाने की आवश्यकता नहीं होती। अगर उनके कहने पर घर ले गये होते तो कुछ भी हो सकता था। केजीएमयू प्रशासन कहना है कि जांच के आधार पर जानकारी दी गयी थी। इलाज में कोई लापरवाही नही बरती गयी है।
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