लखनऊ। गोमती नगर के डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थित कार्डियक कैथ लैब में दो डॉक्टरों के बीच एक मरीज के इलाज को लेकर हुए विवाद की जांच प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गयी है। लगभग दस दिन पहले सौंपी गयी जांच रिपोर्ट में अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। संस्थान प्रशासन समझ नहीं पा रहा है कि डाक्टरों के खिलाफ कैसे कार्रवाई की जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना तक ने निदेशक प्रो एके त्रिपाठी को जल्द कार्रवाई करने के लिए कहा था।
बताते चले कि लोहिया संस्थान में चार फरवरी को कैथ लैब में डॉ. सुदर्शन व डॉ. आशीष झा के बीच एक मरीज के इलाज को लेकर कहा सुनी हो गयी थी। आरोप था कि निजी अस्पताल के मरीज का इलाज कैथ लैब में किया जा रहा था। दोनों डॉक्टरों ने एक-दूसरे पर न सिर्फ गंभीर आरोप लगाते हुए ,एक दूसरे पर पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी थी। छह फरवरी को चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए निदेशक डॉ एके त्रिपाठी को दोषियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। निदेशक डा. एके त्रिपाठी ने आनन-फानन में जांच कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने 15 दिन में ही जांच रिपोर्ट संस्थान प्रशासन को सौंप दी। एक सप्ताह पहले निदेशक की ओर से कहा गया कि वह रिपोर्ट मिली है। अध्ययन के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। अब निदेशक का कहना है कि जल्द ही इस मामले में निर्णय लिया जाएगा।
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