इस नयी तकनीक से सटीक मिलेगी कैंसर ट्यूमरों की जानकारी

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न्यूज डेस्क। वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने एक ऐसा कृत्रिम मेधा तंत्र(एएल) विकसित किया है, जो सीटी स्कैन में फेफड़े के कैंसर के धब्बों को सटीक से पहचान लेते हैं, जिन्हें कई बार रेडियोलॉजिस्टों को पहचानने में कठिनाई आती है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि यह एएल तंत्र 95 प्रतिशत तक सटीक है, वहीं इंसान की आंखे 65 प्रतिशत तक ही इन मामलों में सटीक आंकलन कर पाती हैं।

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अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ सेन्ट्रल फ्लोरिडा में कार्यरत रोडने लालोंडे ने कहा, ”हमने अपना तंत्र विकसित करने के लिए मस्तिष्क को मॉडल के तौर पर इस्तेमाल किया।”” यह प्रक्रिया उस अल्गोरिदम के ही समान है जिसका इस्तेमाल चेहरा पहचानने वाला सॉफ्टवेयर करता है। यह एक खास पैटर्न का मैच मिलाने के लिए हजारों चेहरों को स्कैन करता है।
शोधकर्ताओं ने ट्यूमर की पहचान करने के लिए बनाए गए कम्प्यूटर के सॉफ्टवेयर को एक हजार से ज्यादा सीटी स्कैन दिखाए।

कम्प्यूटर को दक्ष बनाने के लिए उन्होंने उसे सीटी स्कैन में नजर आने वाले ऊतकों, तंत्रिकाओं, तथा अन्य संरचनाओं को नजरअंदाज कर फेफड़े के ऊतकों का अध्ययन करना सिखाया।

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