इस गाने ने 2 दिन में पार किया 1 लाख व्यूज का जादूई आंकड़ा

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इंतज़ार हुआ खत्म. अब सामने आ गया है मोक्ष म्युज़िक का बहुप्रतीक्षित गाना “कैसी हैं मजबूरियां”. आपको जानकर हैरानी होगी इस गाने ने मोक्ष म्युज़िक के पिछले सभी गानों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है. ‘रिलीज़ के दो दिन के भीतर ही इसने पार कर लिया एक लाख का जादुई आंकड़ा’. सबसे तेज़ी से इस आंकड़े को पार करने वाला म्युज़िक विडियोबन गया है ‘कैसी हैं मजबूरियां”.

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‘मजबूरियां’ जिसे अपनी आवाज़ से मखमली बनाया है आईएस अधिकारी डॉ. हरिओम ने. आपको पता होगा हरीओम इससे पहले भी मोक्ष म्युज़िक कंपनी के कई गानों में अपनी आवाज़ दे चुके हैं. डॉ. हरिओम उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग के सचिव हैं. संगीतकार राज महाजन ने बड़ी ही संजीदगी से इसका संगीत दिया है. इस गाने से राज दिली तौर पर जुड़े हैं. उनका मानना है कि  ‘इस गाने में उनके जीवन की भी झलक देखने को मिलेगी. आगे राज कहते हैं यह गाना उन सभी के लिए है जो अपने जीवन में करना तो बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन कर नहीं पाते.

इंसान के आस-पास कितनी मजबूरियां हो सकती हैं, ये गाना उनकी प्रस्तुति भर है. उम्मीद करता हूँ आप इस गाने से खुद को कनेक्टेड महसूस करेंगे. एक आदमी जीवन में किस हद तक लाचार हो सकता है. बस इसी मानसिक जद्दोजहद के बारे में है गाना “मजबूरियां”. इस गाने में मजबूरी के हालातों से जूझते नज़र आये हैं साधनाटीवी डांसिंग वार फेम अमित (दा रोबो) और अंजू टिकू.

इस बार भी आपके लिए एक बेहतरीन कांसेप्ट है –

आपको बता दें अमित के डांस टैलेंट से प्रभावित होकर संगीतकार राज महाजन ने अपने म्युज़िक विडियो में बतौर हीरो उन्हें मौका दिया है. राज महाजन बतौर गेस्ट जज ‘डांसिंग वॉर’ में साधना टीवी पर नज़र आए थे जहाँ उन्होंने अमित को चांस दिया. पहली बार इस तरह के डांसिंग विडियो के बारे में मोक्ष म्यूजिक की क्रिएटिव हेड मेघा वर्मा ने बताया कि राज सर हमेशा कुछ नया ही करना चाहते हैं. क्यूंकि उनका मानना है नयापन सबसे अलग नज़र आता है. इस बार भी आपके लिए एक बेहतरीन कांसेप्ट है वो भी डांसिंग विडियो के फ्लेवर में. एक सेड सोंग में डांस दिखाना वाकई में देखने लायक होगा.

अपने गाए इस गाने के एक्सपीरियंस को लेकर डॉ. हरीओम कहते हैं, “ये गाना बाकी गाए हुए गानों से ज्यादा चलेंजिंग रहा. कम्पोज़िशन से लेकर इसके बोल सब बेहतरीन हैं. किस तरह से आज कल के यूथ मजबूरियों के आगे घुटने टेक देते हैं और कुछ लड़कर आगे निकलते हैं, हालाँकि इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ती है. इन्हीं सब बातों को बखूबी दिखाया गया है.

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