वैश्विक फैटी लिवर दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम
लखनऊ। लिवर डिजीज लोगों में बढ़ रही है। इसका एक बड़ा कारण अनियमित लाइफ स्टाइल है। नियमित संतुलित आहार व लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करके किसी हद तक काफी हद लिवर संबंधी समस्या से बचा जा सकता हैं। यह परामर्श किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग प्रमुख व लिवर डिजीज एक्सपर्ट डॉ. सुमित रूंगटा ने वैश्विक फैटी लिवर दिवस पर बृहस्पतिवार को केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के हेपेटोलॉजी क्लीनिक के जागरुकता कार्यक्रम दी।
लिवर डिजीज एक्सपर्ट डॉ. सुमित रुंगटा ने कहा कि फैटी लिवर से बचने के लिए अल्कोहल नहीं करना चाहिए। संतुलित आहार में वसा की मात्रा कम रखना चाहिए। आहार में जैतून का तेल, मेवे और बीज को शामिल करें। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और चीनी के सेवन से परहेज करें। दैनिक आहार में साबुत अनाज और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इससे लिवर हेल्दी रहेगा।
डॉ. सुमित ने कहा कि हेल्दी लिवर के लिए प्रोटीन जैसे मछली, चिकन और दालों को भोजन में शामिल करें। सब्जियां व फलों में एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, ताजे फल और सब्जियां का सेवन करें। इसलिए नियमित रूप से शारीरिक एक्टीविटी करें। कम से कम 30 मिनट का वॉक या जॉगिंग करें। एरोबिक व्यायाम और प्रतिरोध व्यायाम दोनों सेहत ठीक रखने में मदद करते हैं। इससे वजन भी नियंत्रित रहता है।
डॉ. अनन्य गुप्ता ने कहा कि हेपेटाइटिस वायरस के कारण लिवर को नुकसान हो सकता है। इसलिए समय पर टीका लगवाना चाहिए। प्रत्येक वर्ष डॉक्टर की सलाह पर लिवर एंजाइम, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं। ब्लड प्रेशर व डायबिटीज होने पर अधिक सर्तक रहे। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। अधिक से अधिक तरल पदार्थों जैसे कि फल और सब्जियों के जूस का सेवन करें। कार्यक्रम के दौरान निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन हुआ। इसमें अल्ट्रासाउंड और लिवर फंक्शन टेस्ट सहित दूसरी जांचें हुई। डॉ. श्रीकांत कोथलकर ने मरीजों को लिवर की बीमारी से बचाव की जानकारी साझा की।