लखनऊ। पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. अमित गुप्ता बताते हैं कि भूख कम लगना, थकान, पेशाब में प्रोटीन व झाग और पैर में सूझन को नजर अंदाज न करें। यह गुर्दे की बीमारी के लक्षण हैं। इससे बचने के लिये लोगों को पेशाब और खून की मामूली जांच से बचाव संभव है। इन जांच में अगर कोई गड़बड़ी आती है तो तत्काल इलाज कराया जा सकता है।
पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. नारायण प्रसाद बताते हैं कि जन्म के समय नवजात में यदि पेशाब रूक-रूक कर हो रहा है। पेशाब लाल रंग है, पेशाब के वक्त नवजात रोता है। तो तुरन्त नेफ्रोलॉजिस्ट की सलाह लें, क्योंकि यह गुर्दे के बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। डॉ. नारायण बताते हैं कि अगर यह लक्षण हैं तो नवजात में गुर्दा सम्बंधी दिक्कत हो सकती है। जन्म के समय नवजात के सभी अंगों को देखना चाहिये।
उन्होंने बताया कि बेवजह दर्द की दवा और एंटीबायटिक दवाओं के सेवन से बचाना चाहिये। वह बताते हैं कि बहुत से मरीज ऐसे आते हैं जिन्हें इन दवाओं के सेवन से गर्दे की दिक्कत हो गई है।
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