सिर में असह्य दर्द हो तो कराएं माइग्रेन का इलाज : विशेषज्ञ

0
846

नई दिल्ली – मरीज के सिर में बार-बार हल्का और तेज दर्द होना माइग्रेन का लक्षण है। इससे सिर में असहनीय रूप से तेज पीड़ा होती है और मस्तिष्क के एक हिस्से में कंपन का अनुभव होता है। यह दर्द अक्सर सिर में एक तरफ होता है, हालांकि दोनों तरफ भी हो सकता है। यदि ऐसे लक्षण हों तो माइग्रेन का इलाज तत्काल कराना चाहिए। माइग्रेन जागरूकता सप्ताह (दो-आठ सितंबर) के अवसर पर इंटरनेशनल हैडेक सोसायटी के हैडेक मैनेजमेंट एंड इंडिया चैप्टर एवं माइग्रेन विशेषज्ञ डॉ. के. रविशंकर ने कहा, “माइग्रेन एक पुराना और शरीर को कुछ हद तक अक्षम कर देने वाला न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिससे भारत में 15 करोड़ लोग प्रभावित हैं। इसकी अक्सर साइनस से जुड़े सिरदर्द, आंखों से जुड़ी समस्या या तनाव के रूप में गलत पहचान की जाती है।“

Advertisement

उन्होंने कहा, “माइग्रेन का इलाज हो सकता है। बार-बार होने वाले भयानक सिर दर्द को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने और माइग्रेन के सफल इलाज के लिए डॉक्टर को दिखाए बिना पेन किलर्स लेने या अपना इलाज खुद करने से बचना चाहिए। कंसल्टिंग डॉक्टर द्वारा सही पहचान करने के बाद विशिष्ट एंटी-माइग्रेन उपचार से इलाज कराना बेहतर होता है।“

डॉ. रविशंकर ने कहा, “चाहे आप माइग्रेन का लंबे समय तक चलने वाला इलाज कराने का विकल्प चुनते हैं या जल्द से जल्द माइग्रेन अटैक से छुटकारा पाना चाहते हैं, विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में इसका इलाज कराना बेहद महत्वपूर्ण है। इलाज न होने की स्थिति में माइग्रेन से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों पर हानिकारक प्रभाव हो सकता है।“

डॉ. रविशंकर ने के अनुसार, “माइग्रेन एक जटिल न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो दिमाग के एक हिस्से के ठीक ढंग से काम न करने का नतीजा हो सकता है। ब्रेनस्टेम नामक दिमाग का यह हिस्सा दर्द और संवेदनशील गतिविधियों पर नियंत्रण रखने में शामिल है। एक अनोखी उत्तेजना दिमाग के इस हिस्से को सक्रिय कर सकती है, जिससे सिरदर्द और संवेदनशील गड़बड़ी की शिकायत होती है। विश्व स्तर पर माइग्रेन को सभी बीमारियों में सातवें सबसे अक्षम बना देने वाले रोग की रैंकिंग दी गई है। यह सभी तरह की न्यूरोलॉजिकल विकारों में दिव्यांगता का प्रमुख कारण है।“

उन्होंने कहा, “इस रोग के अन्य सामान्य लक्षणों में प्रकाश, शोर या किसी भी तरह की गंध के प्रति मरीज में संवेदनशीलता बढ़ जाती है। इससे मरीज को उलटी, मिचली और उबकाई आने की भी शिकायत रहती है। इस स्थिति में नियमित शारीरिक गतिविधि, एक जगह से दूसरी जगह जाने या खांसने और छींकने से भी भयानक दर्द उभर सकता है। अगर माइग्रेन के अटैक का इलाज न किया जाए तो इसका असर चार से लेकर 72 घंटों तक रहता है।“

डॉ. रविशंकर ने कहा, “माइग्रेन में जीन्स काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह अक्सर हार्मोन्स में बदलाव से संबंधित है। कुछ महिलाएं मासिक धर्म की अवधि के दौरान ’मेंस्ट्रअल माइग्रेन’ की शिकायत कर सकती हैं। कुछ महिलाओं में यह दर्द गर्भावस्था के दौरान गायब हो सकता है, जबकि कुछ महिलाओं को गर्भ धारण करने पर पहली बार माइग्रेन की शिकायत होती है। माइग्रेन से होने वाले सिरदर्द के निश्चित और सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस पर आम सहमति बन चुकी है कि दिमाग के रक्तप्रवाह में होने वाला बदलाव किसी मरीज के माइग्रेन रोग से ग्रस्त होने का प्रमुख कारण होता है।“

उन्होंने बताया, “माइग्रेन के दर्द को उभारने के प्रमुख कारणों में मौसम में अचानक बदलाव, बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना, तीक्ष्ण गंध, बहुत ज्यादा शोर, चमकदार और आंखों को चकाचौंध कर देने वाली रोशनी, भावनाओं के उफान, तनाव, बेचैनी, डिप्रेशन, थकान, लंबी यात्रा, सफर के दौरान उलटी होने, खाना छोड़ने, ज्यादा धूम्रपान करने, सिर में चोट लगने, धूप में ज्यादा देर तक रहने और बहुत ज्यादा शराब पीने के बाद होने वाला हैंगओवर शामिल है।“

उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में करीब हर सात में एक व्यक्ति माइग्रेन से पीड़ित है। अकेले भारत में ही यह आंकड़ा 15 करोड़ से अधिक है। एक अनुमान के मुताबिक 18 से 49 साल की 25 फीसदी महिलाएं माइग्रेन से जूझ रही हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को माइग्रेन होने की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleडॉक्सएप के 10 लाख परामर्श पूरे
Next articleबदला नहीं कमरा, उल्टे हो गया सील, बीमार जेआर-3 हुआ बेहाल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here