ग्रामीण क्षेत्रों में प्रेग्नेंसी को लेकर जागरूकता की कमी

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लखनऊ। स्मृति उपवन में चल रहे 63वें ऑल इंडिया आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी (एआईसीओजी 2020) के अंतिम दिन धनबाद से आये डॉ. अपूर्व कुमार दत्ता को उनके कार्यों के लिए पद्मभूषण कमलाबाई हॉस्पिट अवार्ड सम्मान से नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी प्रेग्नेंसी की तैयारियों को लेकर जागरूकता का बेहद अभाव है। यही कारण है कि महिलाएं नियमित जांच के लिए भी नहीं आती हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में 15 फीसदी तक ज्यादा महिलाओं को ब्लड प्रेसर की शिकायत होती है। अगर वे समय से जांच कराती तो मुश्किलों का कम सामना करना पड़ता। इसके अलावा डॉ. अपूर्व ने वायलेंस अगेंस्ट डॉक्टर्स टॉपिक पर भी अपने विचार व्यक्त किये।

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उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में डॉक्टरों के ऊपर लगातार हमले की घटनाएं बढ़ीं हैं। इसके कारणों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर और मरीज के बीच कम्युनिकेशन गैप है। मरीजों को डॉक्टर पूरा वक्त नहीं देते। इसके अलावा अस्पतालों में भरपूर सुविधाएं भी नहीं हैं। वही दूसरी ओर मरीज डॉक्टर को भगवान मान बैठते हैं, जिसकी वजह से उनकी अपेक्षाएं बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। मरीजों व तीमारदारों को यह समझना चाहिए कि मरीज भगवान नहीं है। वह अपना सौ प्रतिशत देने के बाद भी कई बार मरीज को पूरी तरह ठीक नहीं कर पाता या बचा पाता है। अगर दोनों तरफ से यह समझदारी दिखाई जाए तो स्थितियां काफी सुधर सकती हैं।

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