ग्लूकोज लगाने वाले हाथ सीख रहे थे डिफेंस की तकनीक

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लखनऊ। सोमवार को नर्सिंग छात्राओं के हाथ में न तो थर्मामीटर था आैर न ही ग्लूकोज की बोतल व पेशेंट चार्ट …. बस एक हुंकार के साथ सामने वाले को धूल चटा देने की तकनीक को सीखती नर्सिंग की छात्राएं थी। यह नजारा शताब्दी अस्पताल के सभागार का था। जहां पर नर्सिंग छात्राएं आर्मी के ले िफ्टीनेंट कर्नल विशाल शर्मा के साथ नर्सिंग छात्राएं डिफेंस की तकनीक सीख रही थी। कार्यक्रम में डा. संदीप तिवारी ने कहा कि लड़कियों में आत्मबल जगाने की आवश्यकता है, वह किसी को भी धूल चटाने की क्षमता रखती है।

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शताब्दी अस्पताल के ट्रामा इमरजेंसी विभाग के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में नर्सिंग छात्राओं ने भाग लिया अौर बचाव की तकनीक को सीखा। प्रो. तिवारी ने बताया कि व्यक्ति के शरीर में कई कमजोरी होती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना होता है। कर्नल शर्मा ने सलाह दी कि अगर कोई लड़का आपकों को छेंड़ने का प्रयास कर रहा है, तो हाथ छुड़ाने का प्रयास करे, अगर फिर भी हाथ न छोंड़े तो अपनी ऊंगलियों से लड़के की आंखों पर वार करें आैर फिर नाक पर वार कर दे तो सामने वाला बौखला कर पीछे हटेगा।

इसके अलावा अगर पीछे पकड़ है तो सीने के ऊपर के प्वांइट पर तेजी से दबाएं और वह निष्क्रिय हो जायेगा। कार्यक्रम में एनएसजी प्रशिक्षक लेफ्टिीनेंट कर्नल विशाल शर्मा ने छात्राओं को प्रशिक्षण भी दिया उन्होंने लड़कियों को कई युवकों के बीच में फसने के दौरान बचने के डिफेंस तकनीक बतायी, उन्होंने बताया कि अगर सन्नाटे के स्थान पर रोका जाए तो बिना समय गवाएं थैले में स्प्रै निकालों आैर आंख पर स्प्रै कर दें। लगभग आधा घंटे जलन होगी। नर्सिंग छात्राओं ने भी मन लगाकर डिफेंस तकनीक को सीखा।

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