लखनऊ। राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में गुरूवार को वार्ड में भर्ती सात मरीजों को गलत इंजेक्शन लगने से तबीयत बिगड़ गयी। इतना ही नहीं एक मरीज की हालत ज्यादा बिगडऩे पर डॉक्टरों को तत्काल उसको आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। फिलहाल 6 मरीजों की हालत स्थिर बतायी जा रही है। बलरामपुर अस्पताल के वार्ड नंबर -2 में भर्ती मायआलम (35) पंकज सिंह (15) सुरेश,विकास (20) के परिजनों ने इंजेक्शन लगने के बाद हालत बिगडऩे व इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया । वहीं कुछ मरीजों के परिजन हंगामा करने लगे। जिसके बाद हरकत में आये अस्पताल प्रशासन ने एक मरीज को आईसीयू में भर्ती कराया। साथ ही वार्ड का दरवाजा बंद कर पांच गार्ड तैनात करा दिये। जिससे कोई परिजन अंदर न जा सके।
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पहला मामला –
लखनऊ के मउजिया निवासी मायआलम को बुखार की समस्या होने पर परिजनों ने बीते दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजनों के मुताबिक हालत में सुधार भी हो रहा था। लेकिन गुरूवार सुबह वार्ड ब्वाय द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाते ही हालत बिगडऩे लगी। जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन ने मायआलम को आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू कराया। मायआलम के भाई शादाब की माने तो इंजेक्शन लगने के बाद उनके भाई समेत 6 और लोगों की हालत बिगड़ी थी।
2. दूसरा मामला –
राजधानी के गोसाईगंज निवासी पंकज को बुखार आ रहा रहा था। मरीज की बुआ सावित्री देवी ने बताया कि गुरूवार सुबह वार्ड ब्वाय ने जैसे ही इंजेक्शन लगाया। बच्चे की हालत बिगड़ गयी ,उल्टीयां शुरू हो गयी। उसके बाद चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया । अब हालत ठीक है।
3. तीसरा मामला –
लखीमपुर निवासी सुरेश के पेट में दर्द की शिकायत पर परिजनों ने बुधवार को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजनों की माने तो गुरूवार को इंजेक्शन लगने के बाद ही मरीज को जाड़ा लगने लगा साथ ही उल्टीयां होने लगी। बाद में चिकित्सकों ने दोबारा इलाज शुरू किया तब जाकर हालत सुधरी।
4. चौथा मामला –
बाराबंकी निवासी विकास के परिजनों की माने तो इंजेक्शन लगने के बाद मरीज की हालत बिगड़ गयी। लेकिन इलाज के बाद अब सुधार है।
वार्ड में तैनात किये गार्ड –
मरीजों को गलत इंजेक्शन लगने की सूचना जैसे ही अस्पताल प्रशासन को लगी । उसके बाद ही तत्काल वार्ड का दरवाजा बंद करा दिया गया। साथ ही वहां पर पांच गार्ड तैनात कर दिये गये। गार्डो ने पूरा वार्ड खाली करा दिया। मरीजों के बुजुर्ग तीमारदारों को भी बाहर धूप में बैठा दिया। किसी को भी मरीजों से मिलने की इजाजत नहीं दी।
एक मरीज को बुखार ज्यादा आ रहा था। जिसकी वजह से उसे झटके आ रहे थे। उसे उचित इलाज दिया गया,वह ठीक है। बाकी मरीजों को कोई समस्या नहीं है। गलत इंजेक्शन लगने की बात कोरी अफवाह है। इस बात में कोई दम नहीं है।
-डा.राजीव लोचन,निदेशक,बलरामपुर अस्पताल
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