लखनऊ – किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ स्किल के तत्वावधान में दो दिवसीय सॉफ्ट स्किल कोर्स फॉर हेल्थ प्रोफेसल्स शुरू किया गया। कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन ब्राह्म कुमारी सोनी बहन ने किया। ब्राह्म कुमारी सोनी बहन ने लाइफ की व्याख्या करते हुए कहा कि आत्मा में सात गुण प्रारम्भ से ही निहित होते है। आवश्यकता उन छुपे हुए गुणों को पहचानते हुए उन्हें अपने जीवन में अपनाने की है।
इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल के निदेशक डॉ. विनोद जैन ने बताया कि कोई भी शिक्षा चार सूत्रों ज्ञान,योग, धारणा तथा सेवाद्ध से बंधी होती है। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम किसी भी कार्य के लिए हमें ज्ञान अर्जित करना चाहिए फिर उसमें आत्मसात करना चाहिए। तत्पश्चात स्वयं उन गुणों को अपनाना चाहिए और अंत में लोगों में बांटना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ. गीतिका नंदा सिंह ने करूणा एवं क्रोध प्रबन्धन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि कई बार चिकित्सकों द्वारा मरीजों की समस्या को अनदेखा करना या उसे सही प्रकार से समझ न पाने के कारण डाक्टर एवं मरीजों के बीच के संबंध खराब हो जाते है। उन्होंने बताया कि ऐसे में डाक्टर को मरीजों के प्रति करूणा भाव से किया गया कार्य एवं व्यवहार दोनों को ही मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है और मरीज के स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
इस अवसर पर प्रो. रीमा कुमारी ने बताया कि शांत मन से किए गए कार्य खासकर चिकित्सा सेवा में ऐसा करने से मानसिक एवं शारीरिक क्षमता बढ़ती है, जिससे सकारात्मक माहौल में कार्य करने की प्रेरणा मिलती हैं और चिकित्सक एवं मरीज के बीच मधुर संबंध बनते हैं। इस कार्यक्रम में डॉ. नीतू निगम ने बताया कि योग के माध्यम से निजी एवं पेशेवर जीवन में सकारात्मकता के साथ ही शारीरिक रोगों से मुक्ति तो मिलती ही है साथ में एक बेहतर माहौल में चिकित्सा सेवा का लाभ मरीजों को मिलता है। इससे पूर्व उद्घाटन सत्र में मुख्य रूप से प्रो. अरूण चतुर्वेदी, प्रो. अनिल निश्चल, प्रो. अनुराधा निश्चल, डॉ. भूपेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे।
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