लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों पर एक बार फिर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। बीती रात रेजीडेंट डॉक्टर ने बेहोशी की हालत में मरीज को डिस्चार्ज कर दिया। परेशान तीमारदार मरीज की बिगड़ती को देखते हुए घर ले जाने की बजाय ट्रॉमा परिसर में लिटाए रखा। परिजनों का आरोप है कि रात में तबियत बिगड़ी आैर इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया। परिजनों के हंगामे की सूचना पुलिस को दी गई। मामले की शिकायत अधिकारियों पास पहुंची। अफसरों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
उन्नाव निवासी विजय (40) निजी क्षेत्र में वाहन चालक था।
बीते रविवार को बाजारखाला इलाके में मार्ग दुघर्टना में गंभीर रूप से ज ख्मी हुआ था। सिर में गंभीर चोट होने से वह बेहोशी की हालत में था। तीमारदार उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। यहां प्राथमिक इलाज के बाद हालत गंभीर होने पर न्यूरो सर्जरी विभाग में शि फ्ट कर दिया गया। परिजनों का आरोप है रेजीडेंट डॉक्टर इलाज के दौरान मरीज को डिस्चार्ज कर घर ले जाने के लिए बार-बार दबाव बना रहे थे। उनका कहना था कि दवा दे दी गयी है भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। आखिरकार मंगलवार रात को डॉक्टरों ने मरीज को जबरन डिस्चार्ज कर दिया। तीमारदारों का आरोप है कि वह डॉक्टर से भर्ती रखने के लिए फरियाद कर रहे थे।
क्योंकि मरीज की हालत बिल्कुल ठीक नहीं थी, परन्तु डॉक्टरों ने मरीज को ठीक बताकर डिस्चार्ज कर दिया। तीमारदार मरीज बिगड़ने के भय से रात भर ट्रामा सेंंटर परिसर में में पड़े रहे। देर रात मरीज की तबियत बिगड़ी जब तक उसे लेकर इमरजेंसी पहुंचते तब तक इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। नाराज परिजनों ने रेजीडेंट डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचा दिया। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर आई और छानबीन करके शव को पोस्टमार्टम को भेजा है।
इस बारे में ट्रामा सेंटर प्रभारी डा. संदीप का कहना है कि मरीज के इलाज में कोई भी कोताही का मामला संज्ञान में नहीं है। मरीज ठीक हो चुका था इसलिए उसे डिस्चार्ज किया गया था। तीमारदारों के आरोप बेबुनियाद है कि इलाज में लापरवाही बरती गयी। फिलहाल मामले की जांच कराई जा रही है।
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