लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल की ओटी में एक्सपायर इंजेक्शन मिलने की खबर को शासन ने गंभीरता से लिया है। इसकी जानकारी जब स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को मिली, तो उनमें हड़कम्प मच गया। शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच अपर निदेशक को सौंपी है। अपर निदेशक ने शनिवार को अस्पताल के ओटी व मेडिसिन स्टोर का किया निरीक्षण। अपर निदेशक का कहना है कि जांच में मौके से ओटी में एक्सपायर इंजेक्शन नहीं मिले।
बलरामपुर अस्पताल की ओटी में एक्सपायर इंजेक्शन मिलने का मामला शुक्रवार को सामने आया। उच्च अधिकारियों को जानकारी हुई तो पहले तो घटना को दबाने की कोशिश की गयी। लेकिन मीडिया से मामला शासन के अधिकारियों तक पहुंचा तो शनिवार को प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने मामले को गंभीरता से ले लिया आैर जांच अपर निदेशक डॉ. एके मिश्रा को सौंपी। अपर निदेशक जांच करने पहुंचे तो पहले ही मामले को पटाक्षेप करने लगे। शनिवार सुबह दस बजे अस्पताल की ओटी का निरीक्षण किया। हालांकि इस दौरान मीडिया को मना कर दिया। अपर निदेशक ने कुछ देर में ही अस्पताल कीचारों ओटी का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने मेडिसिन स्टोर का भी जायजा लिया।
उन्होंने बताया कि जो इंजेक्शन एक्सपायर ओटी में मिलने की बात सामने आई है। उस बैच नंबर की सप्लाई अस्पताल में नहीं हुई। उन्होंने बताया कि ओटी में किसी भी प्रकार की एक्सपायर इंजेक्शन नहीं मिले। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अपर निदेशक ने अस्पताल के ओटी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अस्पताल अफसरों को फ टकार लगाई। उन्होंने कहा कि ओटी में कोई सामान्य व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। ऐसे में कोई ओटी के अंदर कैसे चला गया। यह अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। उन्होंने प्रत्येक वार्ड में तीमारदारों व सामान्य व्यक्तियों के इंट्री का डाटा तैयार करने का निर्देश दिया।
अपर निदेशक डॉ. एके मिश्रा का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने दावा किया था इस बैच की दवा अस्पताल में काफी समय से सप्लाई नहीं हुई, जबकि इंजेक्शन पर बलरामपुर अस्पताल की मुहर लगी है। ऐसे मेंं अपर निदेशक की जांच पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि अपर निदेशक जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती करके निकल गए।
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