त्योहार सीजन में वित्त मंत्रालय की इन स्कीम से मिलेगा कर्मचारियों को फायदा

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न्यूज। कोविड-19 महामारी के बीच आर्थिक संकट से निपट ते हुए सोमवार को वित्त मंत्रालय ने दीपावली और दशहरे पर सरकारी कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में दो प्रस्ताव दिए हैं, जिनसे कर्मचारियों को राहत दिए जाने का दावा किया जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 संकट से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। सभी कारोबार भी प्रभावित हुए हैं। त्योहारों का सीजन भी शुरू हो रहा है, ऐसे में अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए दो प्रस्ताव पेश किए जा रहे हैं। इनमें पहला ‘एलटीसी कैश वाउचर स्कीम’ और दूसरा ‘स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम’ प्रस्ताव है। उन्होंने बताया स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस दिया जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों को एलटीसी में टिकट किराये का भुगतान नकद में किया जाएगा।
उनका कहना है कि सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फेस्टिवल एडवांस
सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिये जाएंगे। इससे त्योहारों के समय सरकारी कर्मचारियों के पास खरीदारी के लिए पैसा हो और मनचाही खरीददारी कर सकें।
इसके अलावा स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम अगले छह महीने के लिए उपलब्ध है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहन के लिए अपने सभी कर्मचारियों को एकमुश्त 10,000 रुपये का विशेष त्योहार एडवांस दिया जाएगा । नियमानुसार इस धनराशि को 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा। कर्मचारी 10 किस्तों में इसे जमा करा सकते हैं। योजना के तहत स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के लिए 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं अगर अन्य राज्य भी आएं तो 8000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होने की संभावना है।

वित्त मंत्री ने यात्रा अवकाश भत्ते के कैश योजनास्कीम की भी घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को नकद वाउचर मिलेगा। इस बाउचर प्रयोग करने से अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ पीएसयू व सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा। एलटीसी के बदले नकद भुगतान डिजिटल होगा। खास बात यह होगी कि इसके तहत ट्रेन या प्लेन के किराए का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा। एलटीसी के लिए नकद पर सरकार का खर्च 5,675 करोड़ रुपये बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र एलटीसी को लागू कर सकते हैं। इससे 28,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता आय पैदा होगी। इससे अन्य वर्गों को भी लाभ मिलेगा।

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