एनएचएम से दैनिक आहार का बजट नहीं मिला
राजधानी के 18 सीएचसी पर भर्ती प्रसूताओं को दैनिक आहार में सब्जी फल गायब
लखनऊ। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के माध्यम से बजट न मिलने से अब प्रसूता की आहार पर इसका असर दिखने लगा है। प्रसूता की थॉल से फल व सब्जी भी गायब हो गयी है। प्रसूता को दैनिक आहार में दो वक्त का खाना मिल रहा है। नाश्ते में दूध व ब्रोड मिल रहा है, लेकिन सब्जी-फल न मिलने पर तीमारदार आपत्ति कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि एनएचएम से खाने का बजट नहीं जारी हुआ है। ऐसे में वेंडर अपने हिसाब से प्रसूताओं को खाना दे रहे हैं।
राजधानी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के अधीन 20 सीएचसी का संचालन किया जा रहा है। इनमें 18 सीएचसी पर निजी वेंडर के जरिये दैनिक आहार बनाकर प्रसूता को दिया जा रहा है। सीएमओ कार्यालय ने चार माह पहले खाने का टेंडर कराया गया था।
इसमें 135 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दो वक्त का खाना-नाश्ता व फल देना था। एनएचएम की ओर से खाने का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में वेंडर अपनी व्यवस्था से खाना प्रसूताओं को आहार दे रहे हैं। प्रसूताओं की थॉल में दाल-चावल व रोटी दोनों टाइम दिया जा रहा है। सब्जी एक टाइम ही थॉल में दी जा रही हैै। इसे लेकर तीमारदार आपत्ति जता रहे हैं।
सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है प्रसूताओं को पौष्टिक आहार व सब्जी एक दफा दिए जाने मामले में जवाब तलब किया जाएगा। जहां पर दिक्कत हैं उन्हें दूर किया जाएगा।
बताते चले कि किचन में कार्यरत कर्मचारियों को भी चार माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में बिना वेतन काम करने के लिए कर्मचारी तैयार नहीं है। कर्मचारियों का कहना है वेंडर जल्द ही भुगतान करने का दावा कर रहा है। कर्मचारियों का कहना है इस माह वेतन नहीं मिला तो वह नौकरी छोड़ देंगे। इससे सीएचसी पर खाने बनाने का काम ठप हो जाएगा।