लखनऊ। सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों को अनिवार्य ड्यूटी लिस्ट में शामिल कर दिया गया है, लेकिन उनकी रास्ते में रोकने पर कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। बिना पास बड़ी संख्या में अस्पताल के कर्मचारियों को चालान काट दिया गया है। वहीं कर्मचारियों ने पुलिस कर्मचारियों पर अभद्रता भी की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज के कोरेंटाइन वार्ड बनाए जा रहे हैं। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती होनी है। इसका काफी काम चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से हो रहा है। यहां काम करने वाले ड्यूटी पर आते वक्त उनका सुभानी खेड़ा पीजीआई के थाने के पास पुलिस कर्मचारियों ने चालान काट दिया। इसी प्रकार ठाकुरगंज स्थित टीबी संयुक्त चिकित्सालय के चीफ फार्मासिस्ट रावेंद्र सिंह से ड्यूटी पर आते वक्त पुलिस ने रोक लिया। इसी अस्पताल की महिला कर्मी को छोड़ने के बाद घर लौट रहे बेटे का ठाकुरगंज में चालान काट दिया गया है। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि ओपीडी बंद होने के बावजूद सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। अस्पताल के सीएमएस मनमानी पर उतारू हैं। इसकी वजह से कर्मचारियों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
केजीएमयू में तैनात स्टाफ नर्स ड्यूटी पर आ रही थीं। पुलिस को स्टाफ नर्स ने केजीएमयू द्वारा बनाया गया पास दिखाया। पर, पुलिस ने उसे मानने से इनकार कर दिया। ना बनने का कारण पूछा तो अभद्रता की। गाली-गलौच किया। इसकी शिकायत स्टाफ नर्स से विभाग के डॉक्टरों से की है। इसके बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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