लखनऊ। राजधानी में पांच जनवरी से शुरु हो डिफेंस एक्सपो-2020 विश्व की दिग्गज कंपनियों के सामने अपने बेहतरीन रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन होगा। इसमें रूस व अमरिका भी इसका हिस्सा होगा, लेकिन चीन इसका भाग नहीं ले रहा है।
िपिछले साल 27 मार्च को ए सेट तकनीक से लैस उपग्रह रोधी मिसाइल (इंटरसेप्टर) के सफल प्रक्षेपण के जरिये दुनिया में धाक जमाने वाला रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआडीओ) पांच दिसम्बर से यहां शुरू होने वाले डिफेंस एक्सपो-2020 विश्व की दिग्गज कंपनियों के सामने अपने बेहतरीन रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन करेगा।
वृदांवन योजना सेक्टर 15 में होने वाले इस आयोजन की तैयारियां अंतिम मुकाम पर हैं। पांच दिनो तक चलने वाली एक्सपो का शुभारम्भ प्रधानमंाी नरेन्द्र मोदी पांच फरवरी को करेंगे। इस मौके पर रक्षामंाी राजनाथ सिंह और मुख्यमंाी योगी आदित्यनाथ के अलावा तीनो सेनाओं के प्रमुख उपस्थित रहेंगे। डीआरडीओ के पवेलियन में देश की पहली उपग्रह रोधी मिसाइल ‘मिशन शक्ति” रक्षा विशेषज्ञों के साथ दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र रहेगी जबकि ब्रामोस मिसाइल,अर्जुन टैंक, एटीएजीएस,अश्वनी राडार,प्रहार मिसाइल समेत अनेक अत्याधुनिक हथियार देश की अचूक मारक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
मिशन शक्ति के तहत 27 मार्च 2019 को मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर ने एक सफल परीक्षण में पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में 300 किलोमीटर (186 मील) की ऊँचाई पर एक परीक्षण उपग्रह को मार गिराया था। इंटरसेप्टर को ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से प्रक्षेपित किया गया था जिसने 168 सेकंड के बाद अपने लक्ष्य माइक्रोसैट-आर को हिट किया था। इसके साथ ही भारत उपग्रह रोधी मिसाइल क्षमताओं वाला चौथा राष्ट्र बन गया था।
यहां दिलचस्प है कि डिफेंस एक्सपो में अमेरिका और रूस अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है, हालांकि चीन इसका हिस्सा नहीं रहेगा। ऐसे में कई देशों की निगाह भारतीय इंटरसेप्टर पर होगी जिसका सीधा असर निर्यात पर पड़ेगा।
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