लखनऊ। वीरागंना अंवतीबाई( डफरिन) अस्पताल में डाक्टरों पर लापरवाही से महिला मरीज की मौत का आरोप लगा है। परिजनों का अारोप है कि सीजिरीयन के बाद प्रसूता को तेज बुखार आने पर परिजनों ने डॉक्टरों को बुलाया, तो करीब दो घंटे बाद डॉक्टर मरीज को देखने पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि इलाज के बजाए डॉक्टरों ने कपड़े की पट्टी पानी में भिगोकर माथे पर रखने की सलाह दी, परन्तु सही इलाज न मिलने से प्रसूता की हालत गंभीर हो गई। बीती रात डॉक्टरों ने प्रसूता को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। यहां कैजुअल्ट्री के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार त्रिवेणी नगर निवासी गर्भवती अंकिता पांडेय (26) का इलाज अलीगंज बाल महिला चिकित्सालय में चल रहा था। 25 मई को ऑपरेशन से प्रसव की तारीख दी गई थी। पति ने बताया कि का 22 की रात पत्नी अंकिता को प्रसव पीड़ा शुरू गई। परिजन आशा के साथ अंकिता को लेकर स्थानीय बाल महिला चिकित्सालय पहुंचे। यहां इमरजेंसी में डॉक्टरों ने उसे हालत गंभीर बताते हुए डफरिन अस्पताल रेफर कर दिया। 23 मई को डफरिन में डाक्टरों ने सीजिरीयन किया।
इसके बाद प्रसूता को पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में रखा गया। पति विपिन का आरोप है कि भर्ती के बाद मरीज को बुखार आ गया। डॉक्टरों को बुलाने पर देखने नहीं आए। काफी कहने पर बहुत देर बाद नर्स आई। उसके बाद डॉक्टर भी पहुंची। इलाज शुरू नहीं बल्कि गीले कपड़े से शरीर पोछने और पट्टी सिर पर रखने की सलाह दी। इस प्रक्रिया को अपनाने के बाद प्रसूता की हालत और बिगड़ने लगी। बुखार बढ़ने से मरीज की सांसें उखड़ने लगी। परिवारीजनों ने डॉक्टरों को फिर बुलाया। इस बार हालत गंभीर बताते हुए डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। परिजन मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे तो कैजुअल्टी में डॉक्टरों ने जांच करने के बाद मृत घोषित कर दिया।
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