लोहिया संस्थान
आजमगढ़ व मऊ जिले भी हब एंड स्पोक कार्डियक आपातकालीन नेटवर्क में जुड़े
लखनऊ। अनियमित डाइट व बदलती लाइफ स्टाइल से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है। हार्ट अटैक से आने से पहले कई लक्षण मरीज को महसूस होने लगते हैं, लेकिन खास बात यह है कि महिलाओं और मधुमेह के मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षणों का कम अहसास होता हैं। इसलिए महिलाओं और मधुमेह के मरीजों को हार्ट अटैक की लक्षणों को लेकर अधिक सर्तक रहने की आवश्यकता होती है।
यह बात डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कॉर्डियोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने बृहस्पतिवार को आजमगढ़ के डॉक्टरों को हार्ट अटैक से जुड़ी बीमारी की पहचान और इलाज की जानकारी देते हुए कही। अब आजमगढ़ और मऊ जिले भी औपचारिक रूप से हब एंड स्पोक कार्डियक आपातकालीन नेटवर्क में शामिल हो गए हैं। इस रणनीतिक विस्तार से पूर्वी उत्तर प्रदेश के मरीजों को समय पर और दिशानिर्देश आधारित हृदयाघात उपचार सुलभ हो सकेगा। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ पार्थ सारथी सेन शर्मा मौजूद थे। प्रमुख सचिव ने कहा कि शासन की पूर्ण प्रतिबद्धता दोहराते हुए, आश्वासन दिया कि कोई भी हृदयाघात मरीज दूरी या संसाधनों की कमी के कारण उपचार से वंचित नहीं रहेगा।
डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने कहा कि डायबिटीज (मधुमेह) मरीजों को हार्ट के अलावा अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस लिए डायबिटीज मरीजों को डॉक्टर की परामर्श पर दवाओं का सेवन करना चाहिए। नियमित व्यायाम और पैदल चलना चाहिए। समय-समय पर हार्ट की जांच भी करानी चाहिए। इससे बीमारी को शुरुआती दौर में ही इलाज से सम्भव हो सकता है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज के कारण नसों को नुकसान होता है। यही कारण है कि कुछ लोगों को हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों जैसे सीने में दर्द महसूस नहीं होता है, हालांकि उन्हें सांस लेने में दिक्कत, अत्यधिक थकान या मतली जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहाकि सीने में दर्द व सांस लेने में तकलीफ में लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। खासतौर पर जब मरीजों को इन लक्षणों के साथ पसीना आए। मतली, उल्टी और शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे हाथ, गर्दन, जबड़े, या पीठ में दर्द हो। तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अब तक आठ जिलों के डॉक्टरों को संस्थान प्रशिक्षित कर चुका है। बृहस्पतिवार को आजमगढ़ के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया है।