– निदेशक ने पत्र जारी कर डॉक्टरों को दी सलाह
लखनऊ। बलरामपुर के निदेशक ने अस्पताल के डॉक्टरों को परामर्श दिया है कि वह मरीजों की अनावश्यक जांच न कराने से बचे। साथ ही जांच करवाने के लिए पूरा फार्म सही तरीके से भरा जाए। उस पर मोहर अवश्य लगाये।
बताते चले कि बलरामपुर की ओपीडी में प्रतिदिन छह से सात हजार मरीज पहुंचते हैं।
इनमें लगभग 1500 से अधिक मरीजों की ब्लड की विभिन्न प्रकार जांचें होती हैं। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन आदि जांचें भी काफी संख्या में करायी जाती है। कुछ डॉक्टर तो मरीजों का एमआरआई भी लिखते हैं, जो कि ज्यादातर मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटर से ही करानी पड़ती हैं।
इस बारे में बलरामपुर के निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. पवन कुमार अरुण ने अस्पताल के सभी डॉक्टरों को पत्र लिखा है। उसमें कहा है कि उन्हें जानकारी हुई है कि कई डॉक्टर मरीजों की वांछित जांचें करवा रहे हैं।
पर्चे पर लिखी जांच पर डॉक्टर के स्पष्ट हस्ताक्षर नहीं होते या बहुत छोटे होते हैं। साथ ही मोहर भी नहीं लगाई जाती है। इससे मासिक आडिट और रिपोर्टिंग में भी दिक्कत होती है। गलत जांच और दुरुपयोग होने की संभावना रहती है। कभी-कभी तो जांच करने वाले तकनीशियन या कर्मचारी लिखा हुआ समझ नहीं पाता है।
साथ ही मरीजों और तीमारदारों को बेवजह परेशान होना पड़ता है। इसलिए मरीजों को देखने के बाद पर्चे पर जरूरी व स्पष्ट जांच लिखें, साफ मोहर लगाएं। शुरूआत में ही मरीजों की अनाश्यक जांच न कराएं। प्राथमिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अन्य जांच कराने की कोशिश की जाएं।