लखनऊ। बीते साल गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज में ३० बच्चों ने दम तोड़ दिया था। इस प्रकार की अप्रिय घटना दोबारा न हो इसके लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। जिसके तहत सरकारी अस्पतालों में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञों को आईसीयू में गंभीर बच्चों के इलाज के लिए ट्रेनिंग करनी होगी। इस टे्रनिंग की जिम्मेदार एसजीपीजीआई के चिकित्सकों ने अपने कंधो पर ली है। जिसकी शुरुआत आज से हो गयी है। पांच दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में प्रदेश सरकार के ४८ बाल रोग विशेषज्ञ आईसीयू में गंभीर बच्चों के इलाज के विशेष गुर सीखेंगे।
एसपीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.राजेश हर्षवर्धन पांच दिन के प्रशिक्षण आवासीय कार्यक्रम के इंचार्ज होंगे। डा.हर्षवर्धन ने ही इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार की है। प्रदेश सरकार ने डा.हर्षवर्धन को बाल रोग विशेषज्ञों की ट्रेनिंग की बड़ी जिम्मेदार सौंपी है। प्रदेश सरकार की मंशा है कि आने वाले समय में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के आईसीयू में इलाज के लिए पहुंचे गंभीर बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण इलाज मुहैया हो सके।
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