
डेस्क। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि डिप्रेशन समय से पहले मस्तिष्क को उम्रदराज बना देता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वैज्ञानिकों ने पूर्व में बताया था कि डिप्रेशन या एंग्जाइटी से पीड़ित लोगों को उम्र बढने के साथ साथ डिमेन्शिया होने का खतरा बढता जाता है। उन्होंने कहा कि ” साइकोलॉजिकल मेडिसिन ” जर्नल में प्रकाशत यह अध्ययन संज्ञानात्मक कार्यकलापों में कमी पर अवसाद के प्रभाव के बारे में व्यापक प्रमाण पेश करता है।
ब्रिाटेन स्थित ससेक्स विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने 34 अध्ययनों की समीक्षा की। इस दौरान उनका मुख्य ध्यान डिप्रेशन या एंग्जाइटी तथा समय के साथ संज्ञानात्मक कार्यकलापों में कमी के बीच संबंध पर था। अनुसंधानकर्ताओं ने संज्ञानात्मक कार्यकलापों में वयस्कों में स्मरण क्षमता में कमी , निर्णय लेने तथा सूचना संसाधन संबंधी गति आदि को शामिल किया।
ससेक्स विश्वविद्यालय की दारया गाइसिना ने कहा ” यह अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारी आबादी के बूढे होने की दर अधिक है। आशंका है कि अगले तीस साल में संज्ञानात्मक कार्यकलापों में कमी वाले तथा डिमेन्शिया से पीड़ित लोगों की संख्या बढेगी।” उन्होंने कहा ” हमें हमारे डिप्रेशन तथा डिमेन्शिया से पीड़ित बुजुर्गों की मानसिक स्थिति बेहतर बनाए रखने के लिए उनकी सही तरीके से देखभाल करने की जरूरत है ताकि उम्र बढने के दौरान उनके मस्तिष्क की क्षमता पर अधिक असर न हो।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.