डायरिया से न हो मौत सभी की जिम्मेदारी

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लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा अभियान का शुभारम्भ परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह द्वारा किया गया। उन्होंनेअपील की कि प्रत्येक नागरिक यह बीड़ा उठाये कि किसी भी बच्चे की मृत्यु दस्त के कारण न हो, बच्चे कुपोषण से मुक्त हो, प्रदेश सरकार द्वारा सघन दस्त नियन्त्रण अभियान 27 जुलाई से नौ अगस्त तक चलाया जा रहा है। इस दौरान प्रदेश के 5 वर्ष के लगभग 207.03 लाख बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित किया जायेगा ।

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कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. नीना गुप्ता, महानिदेशक परिवार कल्याण, निखिल चंद्र शुक्ल, अपर मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,डा. दीपक मालवीय, निदेशक आरएमएल इंस्टीट्यूट, अमित मेहरोत्रा कार्यक्रम प्रबंधक, यूनिसेफ , डा अनिल कुमार वर्मा, महाप्रबंधक बाल स्वास्थ्य, एनएचएम, डा. कनुप्रिया सिंघल, हेल्थ स्पेश्यिलिस्ट यूनिसेफ सहित विभाग के समस्त प्रमुख अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्षेत्रों में आशा के सहयोग से ओआरएस के पैकेट वितरित कर ओआरएस बनाने की विधि एवं उपयोग के सम्बन्ध में जानकारी दी जायेगी। साथ ही दस्त के बचाव पर चर्चा की जायेगी। समुदाय में ओआरएस के पैकेट एवं जिंक की गोलियां की समय से उपलब्धता के लिये आशा, एएनएम के पास इसकी आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति संकल्प लें कि हम वातावरण को स्वच्छ रखेगें और डायरिया को जड़ से खत्म करने के लिए आगे तीन लोगों को संदेश पहुंचायेंगे और वह तीन लोग अपने आगे तीन लोगां को संदेश प्रसारित कर इस अभियान को आगे बढ़ायेंगे तो निश्चित ही अभियान को सफल बना पायेंगे।

डा. नीना गुप्ता, महानिदेशक परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश ने अपने उद्बोधन में कहा दस्त से होने वाली मौतों से बच्चों को बचाया जा सके इस हेतु भारत सरकार के निर्देशानुसार सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा दिनांक 27 जुलाई से 09 अगस्त 2018 का आयोजन समस्त प्रदेश में किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य यह है कि शून्य बाल दस्त रोग (डायरिया) से एक भी बच्चे की मृत्यु न हो। इस दौरान दस्त नियंत्रण सम्बन्धी गतिविधियों के बारे में आशा एवं आँगनबाड़ी सहयोग से दस्त रोग के बचाव हेतु 5 वर्ष तक के बच्चों के प्रत्येक परिवार में ओआरएस का पैकेट वितरित करना है, ताकि आवश्यकता के समय ओआरएस उपयोग कर सके। आशा द्वारा उपचार हेतु ओआरएस पैकेट के साथ-साथ जिंक की 14 गोलियां भी वितरित की जायेंगी तथा ओआरएस के घोल को बनाने की विधि का प्रदर्शन भी किया जायेगा।

एनएचएम के अपर मिशन निदेशक निखिल चंद्र शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा प्रदेश सरकार शिशु एवं बाल मृत्युदर में कमी लाने के लिये कटिबद्ध हैं। बाल मृत्युदर में 10 प्रतिशत मृत्यु दस्त रोगों के कारण होती है। सरकार द्वारा शिशु मृत्यदर में कमी लाने के लिये जननी सुरक्षा योजना, फेसिलटी बेस्ड न्यूबोर्न केयर, आशाओं के माध्यम से होम बेस्ड न्यूबॉर्न केयर, टीकाकरण आदि अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।

बाल स्वास्थ्य महाप्रबन्धक डा. अनिल कुमार वर्मा ने कहा कि इस पखवाड़े में दस्त से बचाव हेतु विभिन्न विभागों यथा पंचायती राज, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस विभाग से समन्वय कर लिया गया है, जनपद स्तर पर अधिकारियों के समन्वय के लिये आवश्यक कार्यवाही कर ली गयी है। विभिन्न संस्थाओं, आईएपी, आईएमए, यूनीसेफ, एनआई, सेव दि चिल्ड्रन, तकनीकी सहयोग इकाई से सहयोग लिया जा रहा है। ग्राम स्तर पर कार्यरत आँगनबाड़ी, ग्राम विकास अधिकारी, स्कूल के टीचर्स के माध्यम से दस्त रोग से बचाव के लिये स्वच्छता, स्वच्छ खानपान एवं पेयजल की जानकारी एवं प्रचार प्रसार के लिये सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।

राज्यमंत्री ने लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान में ओआरएस जिंक कार्नर का उद्घाटन भी किया गया। साथ ही उन्होंने हॉट एअर बैलून भी हवा में छोड़े और एन.सी.सी कैडेट्स की रैली व बाइक रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम का समापन डा. नरेन्द्र अग्रवाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि मौजूद थे।

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