लखनऊ – सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं में सुधार कर अंग प्रत्यारोपण की क्षमता बढायी जानी चाहिए , ताकि गरीब को भी इस तकनीक का फायदा मिले। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनु्िप्रया पटेल ने देहदान करने के लिए लोगों का आवाह्न करते हुए सोमवार को ‘ 8वें भारतीय अंग दान”समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश में ज्यादातर जीवित लोग ही अंगदान करते हैं और सिर्फ 23 प्रतिशत अंगों का प्रत्यारोपण हो पाता है।
उन्होंने कहा कि जीवित लोगों के अंग दान पर निर्भर रहने की बजाय देहदान को बढावा दिए जाने की जरूरत है ताकि अंग दान का दुरुपयोग न हो और जीवित व्यक्ति को जोखिम से बचाया जा सके।
उन्होंने इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के के शर्मा तथा अंगदान करने वाले देश के विभिन्न हिस्से से आये लोगों को भी सम्मानित किया। श्री शर्मा ने देश के विभिन्न क्षेत्रों व मेडिकल कालेजों में लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित किया है और उनकी वजह से 70 हजार लोग अंगदान के लिए तैयार हुए हैं। अंगदान किये भी गये है।
केंद्रीय मंत्री ने धार्मिक नेताओं तथा युवाओं को अंग दान को आंदोलन का रूप देने का आग्रह किया और कहा कि लोगों के जागरूक होने से ही देश में पारदर्शी तरीके से अंगदान को बढावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत में ज्यादातर जीवित लोग ही अंग दान करते हैं और इससे अंग बेचने का जोखिम ज्यादा रहता है इसलिए अंग दान करने की बजाय देहदान करने की प्रवृत्ति को बढावा देने की जरूरत है।