लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए दो मरीजो की मौत पर परिजनों ने हंगामा किया। यहां पर जहरीला कीड़ा काटने से भर्ती कराए गए युवक की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि मरीज को इलाज करने की बजाए एक से दूसरे विभाग आैर जांच के नाम पर भी दौड़ाते रहे। दोपहर करीब ढाई बजे युवक की मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों ने हंगामा किया। मौजूद अधिकारियों ने समझा-बुझाकर परिजनों को शांत कराया। इसी प्रकार समय पर इलाज न मिलने के कारण बुजुर्ग महिला की मौत होने का आरोप भी परिजनों ने लगाया।
ऐशबाग निवासी निवासी अमित (22) को मंगलवार को जहरीले कीड़े ने पैर में काटने पर पैर में सूजन आ गई। इसके साथ ही तेज दर्द भी हो रहा था। परिजनों के मुताबिक तबीयत बिगड़ने पर उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां डॉक्टरों ने दो दिन इलाज करने के बाद आज डॉक्टरों ने मरीज को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। परिजन मरीज को गंभीर हालत में लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। मां सावित्री का आरोप है कि इमरजेंसी से मेडिसिन विभाग में दो बार भेजा गया। इलाज शुरु नही हो पा रहा था। इसी दौरान उसकी सांसें उखड़ने लगी।
हंगामे के बाद इमरजेंसी में अमित को भर्ती किया गया। यहां ग्लूकोज चढ़ाया गया। परिवारीजनों का कहना है कि ट्रॉमा में भागदौड़ से मरीज की हालत और गंभीर हो गई थी। दोपहर करीब ढाई बजे मरीज की मौत हो गई। अमेठी निवासी कौशल्या देवी (65) को हेड इंजरी होने पर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। दोपहर 12 बजे मरीज को परिजन इमरजेंसी में लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टरों ने मरीज को सीटी स्कैन व एक्सरे समेत दूसरी जांच कराने की सलाह दी। करीब एक घंटे लाइन में लगने के बाद जांच हुई। इसके बाद मरीज को न्यूरो सर्जरी वार्ड में शिफ्ट करने करने के लिए भेज दिया गया। आरोप हैं कि वहां बेड खाली नहीं था। लिहाजा बुजुर्ग महिला को लौटा दिया गया।
परिजन फिर इमरजेंसी में पहुंचे। आरोप हैं कि डॉक्टरों ने बाहर स्ट्रेचर पर ही मरीज को लिटाने की सलाह दी। बहू शंकुन्तला का आरोप है कि इलाज के नाम पर सिर्फ दौड़ाया गया। इस वजह से मां की तबीयत बिगड़ी। दोपहर दो बजे स्ट्रेचर पर ही मरीज की मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया।
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