लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को हुई कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान बिना इलाज के मरे मरीजों की जानकारी को गम्भीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विभाग से केजीएमयू की हड़ताल के कारणों की रिपोर्ट तलब की है। बताया जाता है कि रिपोर्ट मिलने के बाद कमेटी बना कर जांच भी करायी जा सकती है।
बताते चले कि केजीएमयू में बुधवार को चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के समीप स्थित ब्लड कलेक्शन सेंटर पर ब्लड सैम्पल शुल्क जमा करने को लेकर कर्मचारियों व मेडिकोज में कहा सुनी मारपीट में बदल गयी थी। मेडिकोज ने कर्मचारियों की जमकर पिटायी कर दी थी। इससे नाराज कर्मचारियों ने मेडिकोज पर कार्रवाई न होने पर बृहस्पतिवार को हड़ताल करने की चेतावनी दी थी। बृहस्पतिवार को कुलपति कार्यालय पर मेडिकोज व कर्मचारी कुलपति का घेराव करने पहुंचे तो वहां पर दोनों पक्षों में तीखी नोंक -झोंक हो गयी। इसके बाद कर्मचारियों ने परिसर में बवाल काटते हुए हड़ताल कर दी थी। इसके साथ ही ट्रामा सेंटर में भी इमरजेंसी सेवा ठप करा दी थी, जिसको देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया। फिर भी गंभीर मरीजों की भर्ती नहीं हो सकी आैर चार मरीजों की मौत हो गयी थी।
शाम को हड़ताल तो समाप्त हो गयी , लेकिन हड़ताल करने व मरीजों की मौत को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को केजीएमयू में हड़ताल के कारणों की रिपोर्ट तलब कर ली है। रिपोर्ट में हड़ताल को केजीएमयू प्रशासन ने समाप्त कराने के लिए क्या किया। हड़ताल से पहले घटना के विभिन्न पहलुओं को क्यों नहीं देखा गया। इसके अलावा इमरजेंसी में मरीजों के इलाज की वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गयी। बताया जाता है कि रिपोर्ट के आधार पर कमेटी बनाकर जांच कराया जा सकती है।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.