लखनऊ । संजय गांधी पीजीआई के नर्सेज सहित कर्मचारियों ने बुधवार को परिसर में कैडिंल मार्च निकाल कर प्रदर्शन कि या आैर पीजीआई प्रशासन के बयान पर आक्रोश व्यक्त किया है। नर्सेज व कर्मचारियों ने घोषणा की है कि 26 जून तक लगातार कैडिंल मार्च निकाला जाएगा। अपर निदेशक ने संस्थान के नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन से कहा है कि संस्थान के कर्मचारियों को एम्स के समानता क्यों दी जाए इस पर विचार किया जा रहा है।
एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला और महामंत्री सुजान सिंह ने कहा कि हम सभी मंगलवार को अपर निदेशक से मिलने गए थे, इसी दौरान अपर निदेशक ने कहा कि एम्स के समानता पर विचार हो रहा है । इस बयान से बहुत दुःख हुआ । संस्थान की सभी संवर्ग के कर्मचारियों में इस बयान से आक्रोश है। एम्स की समानता संस्थान के नींव स्थापना के समय ही दी गयी है। संस्थान के नियमावली में भी यह व्यवस्था की गयी है। कहा कि संस्थान के पीएचसी , सीएचसी बनाने पर यह अधिकारी उतारू हो गए है। संस्थान के लोग अपने काम से देश की तीन बडे संस्थान एम्स दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ के बराबर खडा हो हुआ ।
संस्थान दोनों संस्थान के मुकाबले काफी कम उम्र का है। संस्थान में पेशेंट केयर इंटरनेशनल इंटरनेशल स्तर है। ऐसे में एम्स के समान सुविधा देने पर विचार करने की बात करना संस्थान के कर्मचारियों का मनोबल तोड़ना है। नर्सिग स्टाफ मांगों को लेकर सांकेतिक विरोध कर रहा है। अपर निदेशक के बयान से नाराज नर्सेज सहित अन्य कर्मचारियों ने कैंडिल मार्च निकाल कर विरोध दर्ज कराया। कैंडिल मार्च 26 जून तक रोज निकाला जाएगा। कर्मचारी महासंघ (एस) की अध्यक्ष सावित्री सिंह और कर्मचारी महासंघ के महामंत्री राम कुमार सिन्हा और ने कहा कि संस्थान की एम्स से समानता खत्म करने की साजिश का हर स्तर पर विरोध होगा।
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