केजीएमयू में ब्रेस्ट अपडेट 2025
लखनऊ। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हो सकता है, लेकिन मरीज डॉक्टर से समय पर परामर्श लेने के बाद पूरा इलाज कराये। इलाज में देरी मरीज के लिए घातक हो सकती है। यह परामर्श केजीएमयू इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. आनंद मिश्र ने शुक्रवार को केजीएमयू के शताब्दी भवन प्रेक्षागृह में ब्रेस्ट अपडेट 2025 को संबोधित करते हुए दी। कार्यक्रम में अन्य विशेषज्ञ डाक्टरों ने ब्रोस्ट कैंसर में नये अपडेट की जानकारी दी।
डॉ. आनंद मिश्र ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में विभिन्न प्रकार की परेशानियां देखने को मिल रही हैं। महिलाएं संकोच और शर्म के कारण ब्रेस्ट में पड़ने वाली गांठ को नजरअंदाज कर देती हैं। जब बीमारी बढ़ने लगती है, तो डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंचती हैं। इसी प्रकार डॉक्टर मरीज को देखकर जरूरी जांचें व दवाएं लिखते हैं। इनमें कुछ मरीज समय दवाएं नहीं खाते हैं। जांच का दबाव अधिक होता है। आर्थिक रूप से मरीज कमजोर होती हैं तो इस कारण भी काफी मरीजों का इलाज टल जाता है।
उन्होंने बताया कि सबसे गंभीर मामला तो तब होता है जब महिलाएं एक डॉक्टर की सलाह पर सारी जांचे करा लेती हैं। उसके बाद भी वह इलाज के बजाए एक से दूसरे डॉक्टर की सलाह लेने में वक्त गंवाती हैं। यह सबसे घातक पहलू है।
डॉ. आनंद मिश्र ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिला का 30 दिन में इलाज शुरू हो जाना चाहिए। इसमें मरीज के पहली बार अस्पताल आना व जांच आदि शामिल है।
जब इससे अधिक दिन लगते हैं तो उसे इलाज में देरी माना जाता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में स्तन कैंसर के इलाज के प्रति जागरुकता बढ़ने पर शुरुआती स्टेज में भी अस्पताल आ रही हैं।
इससे पहले कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि स्वस्थ्य परिवार के लिए महिलाओं का सेहतमंद रहना जरूरी है।
डॉ. डीजी विजय ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं में ऑपरेशन करने की जरूरत पड़ती है। अब महिलाओं की अनुमति का बाद दूसरे ब्रोस्ट का साइज भी सर्जरी करके बराबर कर दिया जाता है। हालांकि इसमें बीमारी न होने की वजह से काफी महिलाएं उसके सर्जरी में हिचकती हैं। इस मौके पर छह मरीजों की लाइव सर्जरी की गयी। कार्यक्रम में देश भर के 100 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों ने शिरकत की।