लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ डॉ. नरसिंहवर्मा ने ब्लड प्रेशर नापने के दो तरीको को बताया है। पहला यह कि मरीज डॉक्टर की क्लीनिक पर बीपी नपवाने जाता है और दूसरा यह कि मरीज का बीपी उसके घर पर ही मॉनिटर किया जाए। क्लीनिक पर देखा जाता है कि कई बार मरीज डर जाता है और उसका बीपी बढ़ा आता है किंतु जब उसका बीपी घर पे नापा जाए तो नार्मल निकलता है । इसलिये जरूरी है कि मरीज का बीपी घर पर भी मॉनिटर किया जाए।
बीपी नापने के सबसे अच्छा तरीका अम्बुलटेरी ब्लड प्रेसर मोनिटरिंग है, परंतु मशीनों के बहुत महंगे होने की वजह से संभव नही हो पा रहा है और इसमें मरीज को सात दिन तक मशीन लगा दी जाती है, जिससे मरीज को कहीं आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में पारा वाले बीपी उपकरण को बैन कर दिया गया है। अब ऑटोमेटिक मशीनों द्वारा ही बीपी नापा जाना चाहिए, इससे बीपी नापने की शुद्धता ज्यादा होती है।
बीपी नापने के आधे घंटे पहले मरीज को किसी भी प्रकार की दवा, तम्बाकू, चाय कॉफ़ी इत्यादि का सेवन नही करना चाहिए। मशीन के कफ को न ज्यादा कड़ा ना ढीला बाँधना चाहिये । मरीज कुर्सी पर आराम से पीठ टिका कर बैठा हो, उसका पैर क्रॉस ना हो, बीपी उपकरण मरीज के हार्ट के लेवल पर हो, तो ब्लड प्रेशर सही आता है। ब्रिटिश सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन द्वारा वर्तमान में केवल दो कंपनियों के उपकरणों को ही मान्यता दी गई है।
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