न्यूज। भले कितने भी दावे किये जाए, लेकिन हकीकत यह है कि भारत कुपोषण के बड़े संकट का सामना कर रहा है आैर यहां पर दुनिया में बौने या कम लंबाई वाले लोगों की संख्या के मामले में भी वह टॉप पर है। ग्लोबल न्यूट्रिशियन रिपोर्ट 2018 का माना जाए तो भारत चार करोड़ 66 लाख बौने बच्चों के साथ दुनिया में पहले नंबर पर है। उसके बाद नाइजीरिया (1.39 करोड़) आैर पाकिस्तान (1.7 करोड़) है।
बौनापन लंबे समय तक पर्याप्त मात्रा में पोषण युक्त आहार ना लेने आैर बार-बार होने वाले संक्रमणों के कारण होता है।
भारत में अपनी लंबाई के मुकाबले कम वजन वाले बच्चों की संख्या 2.55 करोड़ है जो नाइजीरिया (34 लाख) आैर इंडोनेशिया (33 लाख) से भी अधिक है। लंबाई के मुकाबले कम वजन होना पांच साल तक की आयु वाले बच्चों में मृत्यु का सूचक होता है। कम वजन भोजन की कमी होने या बीमारी होने की वजह से होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ”कम वजन वाले दुनिया के आधे से अधिक बच्चे दक्षिण एशिया में रहते हैं। ऐसे बच्चों की आधी संख्या वाले तीन देशों में से दो एशिया में हैं। भारत में 4.66 करोड़ आैर पाकिस्तान में 1.7 करोड़ बच्चे कम वजन वाले हैं।”” भारत उन देशों में भी शामिल है जहां दस लाख से अधिक बच्चे मोटापे का शिकार हैं। अन्य देशों में चीन, इंडोनेशिया, भारत, मिरुा, अमेरिका, ब्रााजील आैर पाकिस्तान हैं।
मोटापे के शिकार बच्चों की अधिक संख्या उच्च-मध्यम आय वर्ग वाले देशों आैर सबसे कम संख्या कम आय वर्ग वाले देशों में हैं। वयस्कों में मोटापे के मामले में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक मोटी हैं। इसके विपरीत महिलाओं के मुकाबले पुरुष मधुमेह के अधिक शिकार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 141 देशों का विश्लेषण किया गया उनमें से 88 प्रतिशत से अधिक देशों में एक से अधिक तरह का कुपोषण पाया गया।
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