पुणे – आमतौर पर ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि एक खिलाड़ी किसी एक टूर्नामेंट के हर वर्ग में पदक जीतने में सफल रहे। लेकिन जम्मू एवं कश्मीर की युवा जिम्नास्ट बवीलन कौर यहां जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी)-2019 में यह उपलब्धि हासिल करने में सफल रही हैं। पिछले सप्ताह ही 16 साल की हुई बवलीन ने इन खेलों में अब तक तीन स्वर्ण और दो रजत पदक जीते हैं। उन्होंने पिछले साल खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में भी दो स्वर्ण सहित चार पदक अपने नाम किए थे। इसके अलावा पिछले साल राष्टÑीय चैम्पियनशिप में भी उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को चैम्पियन बनाया था।
जम्मू एवं कश्मीर ने केआईवाईजी-2019 के दूसरे दिन गुरुवार तक छह पदक जीते जिसमें से पांच पदक बवलीन के हैं जबकि छठा पदक वंदना बालामुरुगन का है जिन्होंने रिबन में तीसरा स्थान हासिल किया। इन दोनों के कमाल से जम्मू एवं कश्मीर गुरुवार को पदक तालिका में टॉप-10 में खुद को रखने में सफल रहा। बवलीन ने गुरुवार को अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने जिम्नास्टिक के बाल, रिबन, क्लब्स और हूप स्पर्धा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और क्रमश : 12.35, 11.25, 13.30 और 11.40 के स्कोर के साथ पदक पर कब्जा जमाया।
उन्होंने आॅल राउंड वर्ग में 43.40 का स्कोर किया और मेजबान महाराष्ट्र की श्रेया भांगले और कृषा चेदा को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता। बवीलन को यहां तक पहुंचाने में उनके कोच क्रुपाली पटेल सिंह और एस पी सिंह का बड़ा योदान रहा है। खुद बवलीन ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने प्रशिक्षकों को दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां केवल अपने प्रशिक्षकों की वजह से हूं जिन्होंने इस बड़े टूर्नामेंट की तैयारी के लिए मेरी मदद की।’’ बवलीन ने आगे कहा, ‘‘यह जीत मेरे लिए और भी खास है। मुझे खुशी है कि मैं अपने प्रशिक्षकोंं को पदक दे पाई जिन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में पर्याप्त प्रशिक्षण सुविधाओं और उपकरणों की कमी के बावजूद आगे बढ़ने में हमेशा मेरी मदद की। उन्होंने हमेशा इस बात को सुनिश्चित किया कि मैं खेलों पर अपना पूरा ध्यान लगाऊं।’’
बवलीन ने न केवल अपनी उपब्धि पर खुशी जाहिर कि बल्कि उन्होंने अपने टीम साथी वंदना बालामुरुगन की सफलता पर भी खुशी का इहजहार किया। वंदना ने रिबन स्पर्धा में 10.30 का स्कोर कर कांस्य पदक जीता। बवलीन के बाद वंदना जम्मू एवं कश्मीर की दूसरी जिम्नास्ट हैं जिन्होंने अंडर-17 वर्ग में पदक जीता है। बवलीन ने कहा, ‘‘मैंने यहां जो कुछ भी हासिल किया है उससे मैं खुश हूं लेकिन यह अभी सिर्फ एक शुरुआत है। मैं 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने के बड़े लक्ष्य को लेकर आगे भी अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखूंगी। देश के लिए पदक जीतना मेरा अंतिम लक्ष्य है और मैं इसके लिए तैयारी करने में कोई कसर नहीं छोडूंगी।’’
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